वंश की परिभाषा | वंश का अर्थ
Definition of Linage | Meaning of Family | Vansh Ki Paribhasha
“” वंश “”
“‘ पीढ़ी दर पीढ़ी वाली अनुवांशिक पद्धति वंश का ही निर्माण करती है। “”
“” जीवन की निरंतरता में दम्पत्ति द्वारा सन्तति की चाह वंश की जनक है। “”
“” अपने सिद्धांतों को किसी अन्य या अपने जैसे अंश में देखना की चाह वंश का सूत्रपात करवाती है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” व “” से बाल सन्तति
“” न् “” से नस्ल
“” य “” से योगदाता
“” बाल सन्तति या नस्लीय योगदाता ही वंश कहलाता है। “”
वैसे “” व “” से वजूद का वाहक
“” न् “” से निरन्तरता
“” य “” से योजक
“” वजूद का वाहक में निरन्तरता बनाने वाला योजक ही वंश कहलाता है। ‘”
मानस के अंदाज में –
“” किसी धरोहर को सरंक्षित रखने हेतु अपनाई गई पारिवारिक परम्परा की उपज ही वंश कहलाती है। “”
“” अपनी समृद्धि या विस्तार हेतु रखी गई कुल की नींव ही वंश है। “”
“” विपरीत परिस्थितियों से निपटने हेतु धारण की गई गोत्र परम्परा की पैदाइश भी तो वंश है। “”
“” वंश परम्परा परिवार की अहम कड़ी है,
इसके बिना परिवार की कल्पना की तो जा सकती है ;
परन्तु पैदाइश वर्ण संकर होने की सम्भावना प्रबल ही रहती है। “”
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वंश की परिभाषा | वंश का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
सुन्दर व्याख्या 🙏👌🙏
है तूं टुकडा जिगर का,
है तूं मेरी परछाई सी,,
तूं ही मेरा अंश है,
और तूं ही मेरा वंश।।