ध्यान की परिभाषा | ध्यान क्या है
Definition of Meditation | Meaning of Consideration | Dhyan Ki Paribhasha
“” ध्यान “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” किसी कल्पनायुक्त वातावरण से निरुद्ध हो एकाग्रचित्त की तरफ अग्रसर होना ध्यान कहलाता है। “”
“” मन को नियंत्रित कर एक विषय पर केंद्रित करना भी ध्यान कहलाता है। “”
“” एक बिंदु पर साम्य अवस्था लाने की कवायद ही ध्यान है। “”
वैसे “” ध् “” से ध्वनिरहित
“” य “” से यादशक्ति की शून्यता
“‘ न “” से नवसंचार
“” ध्वनिरहित माहौल में यादशक्ति की शून्यता के साथ नवसंचार के स्वागत की सहजता ही ध्यान कहलाता है। “”
“” विषय विशेष के केन्द्रीयकरण व उस पर असीम गहनता ही ध्यान है। “”
मानस की विचारधारा में –
“”अपने आप के वजूद को ब्रह्मांड रूपी आवरण में तलाशने की कवायद ही ध्यान कहलाता है। “”
“” कार्यशैली में तल्लीनता व संजीदगी की मौजूदगी भी ध्यान ही तो है। “”
“” किसी सुनिश्चित व संकल्पित लक्ष्य को समर्पित समस्त मनोयोग ही ध्यान कहलाता है। “”
“” ध्यान सिर्फ योग प्रक्रिया का हिस्सा भर नहीं है यह बहुत ही श्रेष्ठ मानवीय गुणों में से एक है। इसकी सिद्धि आपको सिद्ध पुरूष नहीं तो श्रेष्ठ जरूर बनाती बनाती है। “”
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ध्यान की परिभाषा | ध्यान क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
Nice 👌👌👌
जीवन के हर क्षेत्र में,
एक नए स्तर के संतुलन
और क्षमता को प्राप्त
करना ध्यान है।।।
मेरी नजर में तो समस्त इंद्रियों पर नियंत्रण करते हुए एक जगह या बिन्दु पर केंद्रित हो जाना ही ध्यान है । और ध्यान मगन हो कर मनुष्य किसी असंभव से असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है ।