“” समस्या की परिभाषा ”” या “‘ समस्या क्या है “”
“” Definition of Problem “” Or “” Meaning of Puzzle “”
—— “” समस्या “” ——–
“” दक्षताओं को धत्ता बताते हुए किसी प्रश्नचिन्ह का निरुत्तर बने रहना ही समस्या है। “”
“” मनोवैज्ञानिक रूप से किसी गुत्थी का अबूझ बने रहना ही समस्या कहलाती है। “
वैसे “” स “” समाधान जहां हर बात का निकल जाये,
वहाँ कुशाग्रबुद्धि का व्यवहारिकता में आना लाज़मी है ;
“” म “” से मनन जहां हर विषय वस्तु का हिस्सा बन जाये,
वहां विधिवत व सर्वहित के कार्यों को सदैव प्राथमिकता दी जाती है ;
“” स् “” से स्याह जहां हर रंग पड़ जाये,
वहाँ यथासंभव व यथार्थ के कार्यों को भी ग्रहण लग जाता है ;
“” य “” से यातना जहां कार्यशैली में हस्तक्षेप करने लगे,
वहाँ बिना परेशानी व उलझनों के निर्विघ्नं कब काम बना करते हैं ;
“” वैसे समाधान व मनन जहां स्याह के रंग में रंगने लगे,
वहाँ विचार ही यातना के साथ परिवर्तित हो समस्या कहलाती है। “”
मानस पंथ के अनुसार –
“” प्रथम दृष्टया में चुनौती जब शारीरिक या मानसिक या दोनों की क्षमताओं को निर्मूल साबित करती है तो वह समस्या कहलाती है। “”
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में व्यवहारिक ज्ञान का तार्किकता से प्रस्तुति ही रूढ़िवादी, पाखण्ड व धर्मान्धता को रोकने में कारगर हथियार बन सकता है। इसे धारधार बनाने में अग्रणीय भूमिका निभाना।
बहुत सुन्दर विश्लेषण
सटीक व्याख्या……
बहुत से लोग खुद की ताकत से अनजान होते हैं,
इसीलिए जिंदगी की समस्याओं से परेशान होते हैं।।
यदि समस्या है तो निश्चित तौर से समाधान भी है. बस बात इतनी सी है की समाधान की तलाश जारी रखनी है, जब-तक की कोई हल मिल ना जाये. महेश सोनी