मौन की परिभाषा | मौन का अर्थ
Definition of Silence | Meaning of Silence | Silence Ki Paribhasha
“” निःशब्द रह जाना मौन नहीं अपितु सामर्थ रहते निःशब्द होना मौन कहलाता है। “”
“” जवाबदेहिता में किसी के अस्तित्व के सरंक्षण हेतु सत्य से दूरी बनाये रखना भी मौन है। “”
“” कर्त्तव्य पथ पर सही रहते निकट उज्ज्वल भविष्य हेतु सवालों से किनारा या अपमान के घूँट का पीना यानि वाणी विराम भी मौन ही है। “”
वैसे “” म “” से मर्यादा जहां सर्वोच्च प्राथमिकता में बनी रहती है,
वहाँ जीवन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बनना तय है ;
“” न “” से नतमस्तक जहां रहना परिस्थितियों को सरल बनाने के लिए हो,
वहाँ मानवीय गुणों की पराकाष्ठा नये आयाम स्थापित करती है ;
“” वैसे मर्यादा नतमस्तक जब उच्च मानवीय आदर्शों के लिए हो तो वह मौन ही बनती या कहलाती है। “”
वैसे “” म “” से मर्म जहां अन्तर्मुखी ही बना रहे,
वहाँ समर्पण नये कीर्तिमान स्थापित करता है ;
“” ओ “‘ से ओजस्वी जहां बनने की आकांक्षा बनी रहे ,
वहाँ त्याग का जीवन में सर्वोच्च स्थान रहता है ;
“” न “” से निरुत्तर जहां कोई बना रहता है ,
वहाँ बहुत कुछ खोने की संभावना बनी रहती है ;
“” वैसे मर्म जब ओजस्वी बनने के लिए निरुत्तर हो तो वह मौन कहलवाता है। “”
“” अन्तर्मुखी व्यक्तित्व को सशक्त व नवनिर्माण में मौन एक कलात्मक शैली का अंग है। “”
“” स्वयं के आंकलन हेतु मौन एक वैज्ञानिक व आध्यात्मिक हथियार है। “”
“” प्रतिउत्तर की स्थिति में भी निरुत्तर बने रहना मौन है। “”
“” मौन रहना एक असाधारण चुनौती है,
स्वीकार करने वाला साहसी है;
और रहने वाला दिव्य शक्ति का स्वामी होता है। “”
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मौन की परिभाषा | मौन का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
एक शब्द के कई अर्थ निकलते है डिपेंड सोचने वाले पर है की वो किस अर्थ मैं सोचता है मोन शब्द के अर्थ मैं भी ऐसा ही है ज्ञान होते हुए भी ज्ञान हीन के पास ज्ञान बांटना भी ज्ञान वान होना सिद्ध नहीं करते वो ज्ञानी है…..
“बोलने की कला कौन नही सीखना चाहेगा।
परन्तु इससे दिलचस्प बात तो ये है कि
मौन रहने की कला उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है।
जो बिन बोले सब समझा दे, वो सच मे एक उत्कृष्ट बुद्धि-जीव है।”
महेश सोनी
“शांत रहना किसी हार की निशानी नहीं, बल्कि वो शक्ति है जो आपको परिस्थितियों पर विजय पाने में सक्षम बनाती है। मौन में वो सामर्थ्य है जो शब्दों में नहीं।”
~ महेश सोनी