आत्मा की परिभाषा | आत्मा क्या है
Definition of Soul | Meaning of Emotion | Atma Ki Paribhasha
“” आत्मा “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” ईश्वर से सजीव मिलने का अंतर्मुखी माध्यम आत्मा है। “”
“” नश्वर शरीर को अति सूक्ष्म, अविरल व अविनाशी शक्ति से जोड़ने का जो जरिया है वह आत्मा है। “”
वैसे “” अ “” से अंतर्मुखी
“” त् “” से तन्मयता
“” म “” से मौलिकता
“” अंतर्मुखी तन्मयता जब मौलिकता ग्रहण करे तो वह आत्मा कहलाती है। “”
वैसे “” अ “” से अंतर्निहित
“” त् “” से तत्व
“” म “” से मर्यादित आचरण
“” अंतर्निहित तत्व जब मर्यादित आचरण करे तो वह आत्मा कहलवाती है। “”
वैसे “” अ “” से मार्मिकता
“” त् “” से तीव्रता
“” म “” से महत्वपूर्ण स्थान
“” मार्मिकता तीव्रता के साथ जब महत्वपूर्ण स्थान धारण करती है तो वह आत्मा कहलाती है। “‘
मानस की विचारधारा में –
“” अतिसंवेदनशील, सत्यता व आस्था को केंद्रित करती विचारधारा को आत्मा कहते हैं। “”
“” आस्तिक प्रवृत्ति में सर्वहितकारी, सर्वकल्याणकारी भावनाओं के अंतर्निहित तत्वों का सूक्ष्म केंद्र ही आत्मा है। “”
“” प्रेम, दया, करूणा , सत्य जहां निश्छल, निष्पक्ष व निरन्तर प्रवाह की सोच बने वहाँ वह आत्मा ही है। “”
“” विज्ञान जगत में आत्मा कहीं भी अस्तित्व में नहीं है वह सिर्फ आस्था, अंर्तनिहित मूल्यों, अन्तर्मुखी व्यक्तित्व और सत्यता के विचारों से परिचय करवाता हुआ एक बुद्धि का स्तर भर है। जिसे हम साधारणतया आत्मा / जीव / चेतना भी कहते हैं। “”
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आत्मा की परिभाषा | आत्मा क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
अतिसुन्दर 🙏👌👌
पहले लोग मरते थे और आत्मा भटकती थी,
अब आत्मा मर चुकी है बस लोग भटक रहे हैं।
Jay Radhe shyam