“” कथन की परिभाषा “” या “” कथन का अर्थ “”
“” Definition of Statement “” Or “” Meaning of Affirmation “”
“” कथन “”
“” किसी के विचारों का हवाला या उस पर अपनी बात को रखना कथन कहलाता हैं। “”
“” विशिष्ट सन्दर्भ को दर्शाने वाले बोल निकट भविष्य में कथन कहलाते हैं। “”
वैसे “” क “” से कार्यशैली जहां चर्चा का विषय बनती है ,
वहाँ ऐतिहासिक निर्णयों की खुमारी बनी रहती है:
“” थ “” से थाप जहां गूँज के साथ अपनी शैली का प्रतिनिधित्व करती हो,
वहाँ विशिष्टता की प्राप्ति में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जाती है:
“” न “” से नित्यचर्चा जहां किसी विषय के केंद्र बिंदु पर रहे,
वहाँ विचारों की प्रगाढ़ता स्पष्टता के निष्कर्ष पर पहुंचाती है :
“” वैसे कार्यशैली जहां थाप की तरह व्यवहार करे,
वहाँ नित्यचर्चा में स्थान विशेष पर रखे जाने वाला विचार ही कथन कहलाता है। “”
एक कथन आपको अर्श या फर्श कहीं पर भी ला सकता है। इसीलिये बोल बोलने से पूर्व कहते हैं तोल मोल कर ही अपनी बात रखें।
यह आपकी समझदारी, दूरदर्शिता व संजीदगी को दर्शाता है और
यह “” मानस “” की विचारधारा का आपको संदेश भी।
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
आज के दौर में परिस्थितियों को
समझना सबसे बड़ी बात है,,,,
कहने का दौर खत्म हो गया ।।।।