वर्चस्व की परिभाषा | वर्चस्व का अर्थ
Definition of Supremacy | Meaning of Supremacy | Varchasva Ki Paribhasha
| वर्चस्व |
“” वजूद का वैभवशाली व सामर्थ्यवान होना वर्चस्व कहलाता है। “”
“” व्यक्तित्व का कांतिमय होने के साथ में क्षेत्र विशेष में अधिपत्य रखना ही वर्चस्व है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” व”” से वजूद
“” र् “” से रणनीति
“” च “” से चातुर्यता
“” स् “” से सामर्थ्यता
“” व “” से व्यवस्था
“” वैसे वजूद जब रणनीति के साथ चातुर्यता व सामर्थ्यता की विवेचना करे तो व्यवस्था वर्चस्व ही है।””
वैसे “” व”” से वरीयता
“” र् “” से रौब
“” च “” से चतुराई
“” स् “” से सनक
“” व “” से विद्वत्ता
“” वैसे वरीयता में रौब जब चतुराई व सनक में विद्वत्ता का भी प्रयोग करे तो वह वर्चस्व कहलाता है। “”
मानस के अंदाज में –
“‘” आपके तेजस्वी होने के साथ प्रभुत्वशाली होना आपका वर्चस्व बतलाता है। “”
“” आपकी दीप्ति व ऐश्वर्य आपके परिचय की सार्थकता सिद्ध करे तो वह आपका वर्चस्व दर्शाता है। “”
“” आपका वर्चस्व आपके यश का द्योतक तो है ही अपितु दूसरे के सरंक्षण में भी लाभप्रद सिद्ध होता है। “”
These valuable views on Definition of Supremacy | Meaning of Supremacy | Varchasva Ki Paribhasha
वर्चस्व की परिभाषा | वर्चस्व का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
बहुत खूब 🙏👌🙏
शिखर छूने की खातिर,,
तुझको खुद से लड़ना होगा।।
वर्चस्व तुम्हारा कायम होगा,,,
जब तुम मे थोड़ा संयम होगा।।।