“” चिंतन की परिभाषा “” या “” चिंतन का अर्थ “”
“” Definition of Thinking “” Or “” Meaning of Rumination “”
“” चिंतन “”
“” गहरी सोच से आंकलन ही चिंतन कहलाता है। “”
“” निरपेक्ष होकर सत्य की खोज ही चिंतन है। “”
“” कोमल भावनाओं द्वारा तार्किक विश्लेषण करने की कवायद ही चिंतन है। “”
वैसे “” च “” से चर्चा जहां स्पष्ट, स्वतंत्र व पारदर्शिता से होती है,
वहाँ सर्वकल्याण में ही निज कल्याण की भावना मूलतः वास करती है ;
“” न् “” से न्यायसंगत जहां कार्यशैली की सर्वोच्च प्राथमिकी हो,
वहाँ सपने में भी किसी का अहित नहीं हो सकता ;
“” त “” से तार्किक जहां विश्लेषण करना आदत में शुमार हो,
वहाँ विचारों का निर्णय तक पहुंचने व सिद्ध होने में वक्त नहीं लगता;
“” न “” से निरपेक्ष जहां रहना व्यवहार की प्राथमिकता का हिस्सा हो,
वहाँ भेदभाव या पक्षपात की गुंजाइश समाप्त हो जाती है ;
“” वैसे चर्चा जहां पर न्यायसंगत के साथ तार्किक व निरपेक्ष हो,
वहाँ की शैली चिंतन कहलाती है। “”
“” चिंतन सदैव सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित करता है अतः इंसान को चिंतन और फिर मनन का साथ लेना चाहिए। “”
यही समय की नजाकत भी है और “” मानस “” की विचारधारा का द्योतक भी “”
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
अतिसुन्दर 👌👌
समर्पण का लिया है प्रण,
परीक्षा है प्रतिक्षण ।
करके आत्ममंथन,,,
करना है सजग चिंतन ।।।