Saturday, July 27, 2024

Definition of War | जंग यानि खून की एक इबारत

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जंग की परिभाषा | जंग यानि खून की एक इबारत
Definition of War | War is only a Building of Blood | Jang Ki Paribhasha

| जंग |

हर बार मिले जहां धोखा विश्वास में ,
फिर दोस्ती की रस्म अदायगी ही क्यों ;
हसरतों में मिटाने चला वो हस्ती हमारी ,
तो फिर उससे प्यार भरे रिश्तों का भ्रम क्यों ;

जमीन हथियायी छल बल से कई बार जिसने ,
फिर उस पर दिली नरमी दिखाने वाला बर्ताव क्यों ;
जिसने ली हमारे नौजवानों की जान बड़ी बेरहमी से ,
तो फिर पलटवार में बेतुकी सन्धि का लिहाज क्यों ;

दुश्मन चालकी के साथ धूर्त्तता पर जोर दे जहां ,
तो फिर बात करने में भी बदइंतजामी पर गरूर क्यों ;
पता था उसकी फितरत में गद्दारी है ,
तो फिर तकनीकी प्रौद्योगिकी सुधार के लिये सुरक्षा में सेंध क्यों ;

चालबाजी जिसकी रग-रग में बसी हो ,
तो फिर किस उम्मीद में बातचीत सिलसिले का दौर क्यों ;
मक्कारी में खून बहाया जिसने हमारे ऐतबार का ,
जंग नहीं तो फिर बातों में ही “”जंगे आगाज “” का बड़बोलापन क्यों ;

वैसे जंग में “”ज”” से जीत का शंखनाद जहां होता है ,
फिर ज़र, जोरू व जमीन तीनों का लिहाज कहां होता है ;
“”न”” से नक्शेकदम पर जहां सिर्फ जीत का मंत्र होता है ,
नाजायज़ जायज़ कुछ नहीं नास्तेनाबूत करना ही वहां परम् धर्म होता है ;

“”ग”” से गद्दर मचाना उद्देश्य जहां युद्धनीति में निहित हो ,
फिर गद्दारी वफ़ा के क्या मायने बस वहां गमहीन माहौल का समां होता है ;
“” जीत पर नक्शेकदम हेतू गद्दर “” जहां अब दकियानूसी विचार हो ;
वहां अर्थनीति से सिर्फ अर्थव्यवस्थाओं को अब कब्जे व कुचलने का नाम ही “”जंग”” होता है ;

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जंग की परिभाषा | जंग यानि खून की एक इबारत

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

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