Monday, March 20, 2023

“” जंग की परिभाषा “” Or “” जंग यानि खून की एक इबारत “”

More articles

“” जंग की परिभाषा “” Or “” जंग यानि खून की एक इबारत “”
“” War is only a Building of Blood “” Or “” Definition of War “”

“”जंग””

हर बार मिले जहां धोखा विश्वास में ,
फिर दोस्ती की रस्म अदायगी ही क्यों ;
हसरतों में मिटाने चला वो हस्ती हमारी ,
तो फिर उससे प्यार भरे रिश्तों का भ्रम क्यों ;

जमीन हथियायी छल बल से कई बार जिसने ,
फिर उस पर दिली नरमी दिखाने वाला बर्ताव क्यों ;
जिसने ली हमारे नौजवानों की जान बड़ी बेरहमी से ,
तो फिर पलटवार में बेतुकी सन्धि का लिहाज क्यों ;

दुश्मन चालकी के साथ धूर्त्तता पर जोर दे जहां ,
तो फिर बात करने में भी बदइंतजामी पर गरूर क्यों ;
पता था उसकी फितरत में गद्दारी है ,
तो फिर तकनीकी प्रौद्योगिकी सुधार के लिये सुरक्षा में सेंध क्यों ;

चालबाजी जिसकी रग-रग में बसी हो ,
तो फिर किस उम्मीद में बातचीत सिलसिले का दौर क्यों ;
मक्कारी में खून बहाया जिसने हमारे ऐतबार का ,
जंग नहीं तो फिर बातों में ही “”जंगे आगाज “” का बड़बोलापन क्यों ;

वैसे जंग में “”ज”” से जीत का शंखनाद जहां होता है ,
फिर ज़र, जोरू व जमीन तीनों का लिहाज कहां होता है ;
“”न”” से नक्शेकदम पर जहां सिर्फ जीत का मंत्र होता है ,
नाजायज़ जायज़ कुछ नहीं नास्तेनाबूत करना ही वहां परम् धर्म होता है ;

“”ग”” से गद्दर मचाना उद्देश्य जहां युद्धनीति में निहित हो ,
फिर गद्दारी वफ़ा के क्या मायने बस वहां गमहीन माहौल का समां होता है ;
“”जीत पर नक्शेकदम हेतू गद्दर “” जहां अब दकियानूसी विचार हो ;
वहां अर्थनीति से सिर्फ अर्थव्यवस्थाओं को अब कब्जे व कुचलने का नाम ही “”जंग”” होता है ;

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest