“” विधवा की परिभाषा “” Or “” विधवा का अर्थ “”
“” Definition of Widow “” or “” Meaning of Life Partner-less “”
“” विधवा “”
“” एक महिला की जीवनशैली में जब समाज द्वारा रंगों का अभाव पैदा कर दिया जाये तो वह विधवा कहलाती है। “”
“” महिला सफेद चादर में लिपटी जब जिंदा लाश बन जाये तो मान लो कि वह विधवा हो गई । “”
वैसे “” व “” से विकृत जहां रहना समाज में जब शोभा मानी जाये ,
वहॉ हर पहलू गमहीन , उदासीन व नीरस होना अवश्यम्भावी है ;
“” ध “” से धर्मान्धता जहां जीवनशैली में हावी बनी रहे ,
वहाँ जिंदगी नरकीय, रूढ़िवादी व अत्यंत जड़वादी होना तय है;
“” व “” से विक्षिप्त जहां मानकर किसी से रोजमर्रा में व्यवहार किया जाये तो ,
वहाँ स्थिति दयनीय, अराजक व दण्डनीय बनना स्वभाविक है;
वैसे “” विरक्त जहां धर्मान्धता के चलते जीवन निर्वाह करे तो,
वहाँ विक्षिप्त होने के कगार को विधवा कहा जा सकता है ।””
“” अकेली जूझती उस पर भी हिकारत, बदहवासी व बदनीयती पग- पग पर दस्तक़ झेलती जिंदगी ही विधवा है। “”
“” विधवा होना एक महिला के लिए अभिशाप है परन्तु यह जीवन शैली समाजिकता पर कलंक “”
“” आज नजरिया बदलने की जरूरत भी है क्योंकि मानवीय मूल्यों की स्थापना में नींव का पत्थर महिला सशक्तिकरण है। “”
“” महिला को स्वाभिमान व स्वावलंबन का जीवन उसका अधिकार भी है और समाज के आधारभूत ढांचे की जरुरत व “” मानस “” विचारधारा की सार्थकता में प्राथमिकी भी।। “”
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
Sir ji khan se late ho aishi अद्भुत बातें wakyi me bahut bada sach hai ye
लाजवाब 👌👌
बेरगं-नीरस सी दुनिया उपहार में मिलती उसे,
समाज को किसी की तकलीफ का क्या लेना ।।