मोहब्बत का नाम ज़लालत भी | प्यार में अंधा
Love is also called Humiliation | Love Is Blind
मोहब्बत जनाब के बंद होठ में भी सिसकियों को सुन लेती है,
तो कभी पथराई आँखें भी इंतजार की पीड़ को पहचान देती हैं;
घने शोर में अनकहे शब्दों की गहराई की थाह भी जरूर दिखाई देती है,
पर बहरी हुई जब चहकते चेहरे की बेबसी व लाचारी में छिपी मरने की दुआ भी उसे सुनाई देती है;
कभी उसे हसंते हुये चेहरे की खामोशी भी सुनाई देती थी,
तो कभी मुस्कुराती आँखों में बनी बेचैनी भी दिखाई देती थी;
उसने तो कोरे कागज पर भी चतुराई से कलम की कुराई की है,
पर हारी जब महबूब की खूबसूरत निगाहों के कुटिले अंदाज़ में भी उसे नफ़रत दिखाई दी है।
लबों की प्यास में ज़लालत का घूँट भी वो अक्सर पीती है,
तो कभी बाहें फैलाकर आह भरने की जगह उसे जंजीरों में जकड़ी किस्मत को कोसते भी देखती है;
उनके खुशी के खुमार में खोते अपने वजूद पर मायूसी को करीब से हर रोज देखती है,
पर अब गूँगी भी हुई जब महबूब ने ही माना कि उसके उम्र भर रोने की वजह भी उसी ने ही दी है।
“” प्यार में अंधा होना तो सिर्फ गुलामी का ही प्रतीक है,
पर प्यार में बेहरा होना मतलब बेरुखी के दर्द में भीगी पलकों पर सज़दा करना होता है ;
और प्यार में गूँगा हो जाने का मतलब ज़िल्लत को ही गले लगाकर मुस्कुरा देने का दूसरा नाम है। “”
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मोहब्बत का नाम ज़लालत भी | प्यार में अंधा
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
‘प्यार’ शब्द अपने -आप में अधूरा है , तो इसकी अभिव्यक्ति कैसे पूरी हो सकती है | प्यार उल्लास,उमंग से भरा नहीं बल्कि त्याग, समर्पण का नाम है|