परमश्रद्धेय गुरुनानक देव | गुरुदेव का अर्थ
Respected Guru Nanak Dev | Meaning of Gurudev | Gurudev Ki Paribhasha
“” परमश्रद्धेय गुरुनानक देव “”
मानवीय मूल्यों पर समर्पण जब भी जहां होता है ,
उच्च आदर्शों का बोलबाला भी बस वहाँ होता है ;
जब सोच में “” नेकी कर कुंऐ में डाल “” का फलसफा जहां होता है,
कोई फकीर के रूप में संत का जन्म भी बस वहां होता है ;
जिसकी पीड़ा में जब सारा ही जहान होता है,
वहां ऊंच नीच तो छोड़ जात पात भी फिर बस कहां होता है;
जब देखी व झेली छुआछूत की असहनीय पीड़ा तो,
अब अकेले में भोजन नहीं अपितु लँगर का प्रसाद ही बस वहां होता है ;
जिसने जानी आडम्बर व पाखण्ड की होड़ में इन्शानियत की रूह तार तार होते,
निर्गुण, निराकार के सत्ता की लकीर पर चलना तो फिर आसान कहां होता है ;
जिसने की दुआ दूसरे की अमन व सुख शान्ति के लिए ,
तो फिर सँगत में बैठकर ही भजन कीर्तन की परम्परा का निर्वाह भी बस वहां होता है ;
जो जीते ही हैं सिर्फ मानवता को जिंदा रखने के वास्ते,
वहां अपने और पराये का फ़िर बोध किसे व कहां होता है ;
जिसने जानी व समझी रहमत बस उस परवरदिगार की,
तो फिर सिर्फ “” तेरा है – तेरा है “” कहकर पुकारने वाला सद्गुरु गुरुनानक देव जन्म वहां होता है “”
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परमश्रद्धेय गुरुनानक देव | गुरुदेव का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
नानक नाम जहाज है,
जो जपे सो उतरे पार,,
मेरा सद्गुरु करता मुझको प्यार,,,
वही तो है मेरा खेवणहार।।।