Tuesday, September 30, 2025

Meaning of Innocent | नादान या इंसान में प्रकृति की पहचान

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नादान या इंसान में प्रकृति की पहचान | नादान का अर्थ
Meaning of Innocent | Definition of Innocent | Nadan Ki Paribhasha

| Identity of Nature in the Naive or Human |
| नादान या इंसान में प्रकृति की पहचान |

नादान बन जो हर चीज से अनजान सा जब रह गया ,
रहबरों से अब वो इंसान कहलवा गया ;
दूसरे का घर जलने का तमाशा देख ,
जो जीने की सीख ली तो समझदार बनवा गया ;

जब दूसरों के लिए मदद या जीना सीखा ,
हमदर्दों ने मूर्ख या बेवकूफ भी जता  दिया ;
दर्द सीने की राह पर संतत्व की ओर जो बढ़ा ,
अपनत्व ने पगला व गैरजिम्मेदार भी बता दिया ;

जीते जी कौन व किसको समझ है पाया ,
किसी को ईश निंदक समझ सूली पर चढ़ाया ;
तो किसी को साध्वी को पापिनी जान जहर भी पिलाया ;
संसार छोड़ा जो फकीर ने उसे भगवान कह सिहांसन पर भी बिठाया ;

प्रकृति की फितरत से कौन व कब रूबरू है हो पाया ,
किसी की जिद ने गलियों की ख़ाक से चक्रवर्ती सम्राट भी बनवाया ,
तो विजयी सम्राट को युद्ध की हृदय विदारक दृश्य द्वारा सन्यासी भी बनाया ,
जीतने वाला सिकन्दर तो कभी जो हार कर भी जीता उसको बाजीगर भी कहलवाया ;

These valuable are views on Meaning of Innocent | Definition of Innocent | Nadan Ki Paribhasha
नादान या इंसान में प्रकृति की पहचान | नादान का अर्थ

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।

5 COMMENTS

  1. प्रकृति की गोद में..

    बेशुमार खजाना है,,,

    बशर्ते आप ढूंढना चाहे ।।

  2. हमारी संस्कृति ही प्रकृति आधारित है प्रकृति को हम मां का ही रुप मानते हैं

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