Tuesday, September 30, 2025

Meaning of Misleading Idea | भ्रामक विचार या सन्देश की विकृति

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भ्रामक विचार या सन्देश की विकृति | भ्रामक विचार का अर्थ
Meaning of Misleading Idea | Definition of Misleading Idea | Misleading Idea Ki Paribhasha

| Misleading Idea or Distortion of Message |
| भ्रामक विचार या सन्देश की विकृति |

हमने गुनगुनाये प्यार के नग्में इस तरह जो ,
साथ देने वाले का रिद्म देख वो रूह की आवाज समझ बैठे ;

हमने जब करी नज़्म में इमदाद उनकी जो ,
थोड़ा सा हो हल्ला हुआ जो इस तरह कि उनके विरोध में होने का आगाज़ समझ बैठे ;

हमने लिखा प्रेम से सहयोग देने का संदेश सबको जो ,
पदचापों से बनी जमीं की थरथराहट को अब वो भूकंप ही समझ बैठे ;

कागज़ पर उकेरा इस कदर दिल का अंदाज़ ऐ बयाँ जो ,
तूफानों से नहीं हर्फ़ों से ही आयें हैं जलजले अब वो ये ही समझ बैठे ;

हमारी मासूमियत बनी तेज झुलस की वजह इस तरह जो ,
टेढ़ी बोंहों वाली आँखों की गर्मी को चिलचिलाती धूप की तपिश ही समझ बैठे ;

हमारी तिरछी नजरों ने भरी दोपहरी में तांडव नृत्य करवाया इस तरह जो ,
आँखों के अंगारों से झुलसे तलवों को अब धधकती भट्टी से बने छाले ही समझ बैठे ;

हम पंक्ति में चले कदम से कदम मिला कर इस तरह जो ,
पिछलग्गूओं की अनुशासन प्रियता देख वो सेनानायक ही समझ बैठे ;

जब हुये थोड़े से रहबर हम उनके जो ,
प्रेममयी आक्रोशित अभिव्यक्ति को देख ही जो खिलाफ़त ऐ हकूमत का सरदार ही समझ बैठे ;.

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भ्रामक विचार या सन्देश की विकृति | भ्रामक विचार का अर्थ

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।

2 COMMENTS

  1. आओ अब विचार करें

    सामने रखें दर्पण

    सत्य को स्वीकार करें

    गवाँ चुके काफ़ी समय

    और न गँवाएँ अब

    उलझी हुई समस्या को

    और न उलझाएँ अब

    मिल जुलकर बैठें सभी

    खुद पर उपकार करें

    आओ अब विचार करें ।

    सड़ते हुए घावों को

    कब तक ढक पाएँगे

    गोलियों से कब तक अपना

    दर्द हम भुलाएँगे

    साहस से खोलें और

    खुद से उपचार करें

    आओ अब विचार करें ।

    शकुनी के षड्यन्त्रो मे

    दुर्योधन व्यस्त है

    बुद्धिजीवी भीष्म सारे

    जाने क्यों तटस्थ हैं

    न्याय का समर्थन

    अन्याय का प्रतिकार करें

    आओ अब विचार करें ।

    सारे मुखपृष्ठों पर

    गुण्डों के भाषण हैँ

    कुण्ठित प्रतिभावों पर

    तम का अनुशासन है

    तथ्यों को समझें

    भ्रम का बहिष्कार करें ।।

    आओ अब विचार करें ।

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