हत्या की परिभाषा | हत्या बस एक क्रूरता है
Meaning of Murder | Murder is Just Cruelty | Htya Ki Paribhasha
हत्या ही नहीं क्रूर मानसिकता का दौर अब जो सुनाई पड़ता है ,
हर कोई दूसरों को ही पीड़ा में देखने हेतू व्यस्त व लालायित दिखाई जान पड़ता है ;
आदमी आदमी की खुशियों में अब शामिल नहीं होता है जनाब ,
कभी दाह संस्कार में तो कभी खुद ही दूसरों की कब्र खोदता दिखाई पड़ता देता है ;
हत्या में “”ह”” से हिंसात्मक जश्न जहां होता है ,
हथियार से हठधर्मिता की पूर्ति में वहां सिर्फ नंगा नाच ही हुआ है ;
“”त”” से तामील हुई हुक्म की जब ऑंख बन्द करके जहां ,
तानाशाही तत्परता से विध्वंस करा वहां सिर्फ त्राहि त्राहि ही मचाती है ;
“”य”” से योजनाबद्ध तरीके से जहां काम होता है ,
कर्म चाहे जो हो पर वहां हर कोई सफलता पाने के बस करीब होता है ;
वैसे हिंसात्मक हुक्म की तामील जहां योजनाबद्ध तरीके से होती है ,
वहाँ सदैव इंसानियत की बलि तो कहीं जघन्य अपराध में जीव हत्या होती है ;
मानवता एक बार फिर शर्मसार जो होती हैं ,
भोजन के बदले ज़हर देने की शुमारी वहां जब भी दर्ज होती है ;
इसे सनक कहें या वैहशी दरिंदगी कहें या क्रूरता भरी हैवानियत जो ,
हथियार से ही नहीं “” मासूमियत इंसानियत पर बेजुबान धोखे से वार “” जहां होती है ;
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हत्या की परिभाषा | हत्या बस एक क्रूरता है
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।