अस्पृश्यता की परिभाषा | अस्पृश्यता का अर्थ
Definition of Untouchability | Meaning of Untouchability | Asprishyata Ki Paribhasha
| अस्पृश्यता |
“” दूरी रखते हुए व्यवहार बनाने की तिकड़म ही अस्पृश्यता है। “”
“” न चाहते हुए या किसी मजबूरीवश सामाजिकता निभाने में अंतराल बनाये रखने का ढोंग ही अस्पृश्यता है। “”
वैसे “” अ “” से अटकलबाजी जहां व्यवहार का हिस्सा बनती है ,
वहाँ नाटकीय जीवन होना स्वभाविक है ;
“” स् “” से स्पर्श जहां रुतबे का विषय बन जाये ,
वहां ऊँच नीच का जन्म लेना भी पक्का है ;
“” प “” से पाखण्ड जहां दिनचर्या में शामिल हो जाये ,
वहाँ मौकापरस्ती भी फिर सिर चढ़कर बोलती है;
“” श् “” से श्यामल जहां कलंक के रूप देखा जाये ,
वहाँ इंसानियत हर पल शर्मसार होती है ;
“” य “” से यातना जहां मानसिकता के वहशीपन में शामिल हो ,
वहाँ मानवीय मूल्यों का पतन होना निश्चित है ;
“” त “” तानाशाही जहां किसी वर्ग विशेष के लिए हो ,
वहाँ अलगाववाद का पनपना अवश्यम्भावी हैं।
“” वैसे अटकलबाजी के साथ जहां स्पर्श में पाखण्ड हो ,
वहाँ श्यामल से यातना व तानाशाही तो होना लाजमी है और यही अस्पृश्यता कहलाती है “”
“” अस्पृश्यता मानवीय जीवन के लिए कोढ़ है व इसे मिटाने के प्रयास में जीवन की पूर्ण आहुति देनी पड़ी तो मैं पीछे नहीं हटना चाहूँगा “”
“” यह मेरे जीवन का एक लक्ष्य भी है और “” मानस “” की विचारशक्ति भी “”
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अस्पृश्यता की परिभाषा | अस्पृश्यता का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।