Saturday, March 25, 2023

“”अनुग्रह कभी गारण्टी / पाबंदी नहीं होता “”

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“” Request is not A Guarantee or Compulsiveness “”

“” अनुग्रह कभी गारण्टी / पाबंदी नहीं होता “”

हमने जब से सलीके को तहज़ीब का अंग बनाया,
आप लोगों को तो ऐसे लगा कि हमने ग़ैरत ही उतार छोड़ी है ;

हमने कभी अपने हक को क्या मांगा लिया ,
हमको ऐसे लगा जैसे किसी के यहाँ जिंदगी ही उधार रख छोड़ी है ;

हमने भी थोड़ा सा जो विचारों को रखने का इरादा क्या कर लिया,
कभी तो सिरे से खारिज हुए हम तो कभी अपनों की अनदेखी भी आँखों में भी पढ़ी है;

एक नन्हा सा अनुग्रह बस हमने जो सबसे क्या कर लिया ,
उनके कोमल मन को लगा ऐसे कि एक मुस्कुराहट की जिंदगी नहीं गारण्टी ही उनके गले पर आन ही पड़ी है ;

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – पसंद करना व जिम्मेदारी में फर्क आपके समक्ष रखते हुए,
आप सबको मेरे अनुरोध या विनती से आजीवन मुक्त करना।

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Sanjay Nimiwal
Sanjay
5 months ago

गुजारिश…..

बड़ी गहरी और समझ की बातें करते है लोग,

अगर चोट दूसरे को लगी हो ।।

Manas Jilay singh
Reply to  Sanjay
4 months ago

Really Great Views

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