Tuesday, March 21, 2023

मेरी कलम ही मेरी पहचान

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“” मेरी कलम ही मेरी पहचान “”

ऐ क़लम तुझसे अब तो ,
बहुत अच्छे से जान पहचान हो गई ;

भक्त की ख़ातिर जैसे,
पत्थर की मूर्त भी भगवान हो गई ;

कइयों की कमाई का जरिया बनी तो,
कुछ के लिए समय पास का इंतजाम हो गई ;

नन्हे हाथों ने बार बार तोड़ा ऐसे की,
खिलौना बन उसकी दोस्त शैतान हो गई ;

जवानी को जब मिली तो,
इश्क़ ऐ दास्ताँ लिखने वाली गुलाब की कली बन गई ;

संजीदगी के साथ वफ़ा की तो,
लेखकार की साहित्यिक पहचान हो गई ,

फैसले की कलम से कभी सज़ा ऐ मौत तो,
कभी रिहाई की मुस्कान हो गई ,

तेरा जादू ऐसे चला जो कभी गूँगे की जुबान तो,
कभी बहरे के कान हो गई ,

कभी इतरा के कभी चली ऐसे कि तो,
साक्षात सपनों की चित्रकला भी बन गई ,

इतिहास में जुल्मों सितम की इबारत बनी तो,
कभी क्रान्ति की कमान बन गई ,

जब सजी किसी के सीने पर तो,
पढ़े लिखे की निशानी तो कभी मिशाल बन गई ,

तन्हाई में भी नवविचार व क्रियान्वयन,
तो कभी चेतना व अभिव्यक्ति द्वारा व्यक्तित्व का ज्ञान,
तो कभी लेखनी की जान बन गई ;

जज्बातों को यथार्थ में कागज़ पर उतारा इस कदर तो,
लगता है कि आज दुनिया के अनछूए पहलुओं की ” मानस ” पहचान हो गई।

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – ढर्रे व रूढ़िवादी विचारों को तार्किक कसौटी पर अपनाने पर बल दिलवाने के लिए यथार्थ, रचनात्मक व उपयोगी लेखनी में सहायक सिद्ध होना ।

 

11 COMMENTS

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ATTER SINGH
ATTER SINGH
11 months ago

भाई साहब नमस्कार

आपके विचारों को मैं प्रतिदिन पढ़ता रहता हूं मैं आपसे बहुत प्रभावित हूं कि आपने किस प्रकार से अपने आप को एक विचारशील तथा चिंतक के रूप में समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। मैं इसी प्रकार से आपके विचारों से लाभान्वित होने का प्रयास करता रहूंगा।

Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
11 months ago

शानदार एवं जानदार अभिव्यक्ति

ONKAR MAL Pareek
Member
11 months ago

इतिहास गवाह है जब जब जरूरत पड़ी और मौका मिला तब तब इस कलम ने तलवार और तोप से बड़ा काम कर दिखाया है । ये एक ऐसा हथियार है जिसके बूते इस दुनिया में बहुत कुछ सम्भव है । इसकी ताकत और अहमियत इस बात पर निर्भर करती है की ये है किसके हाथों में । कहीं ये तन्हाई दूर करने का हथियार तो कहीं जुल्म के विपरीत हथियार कहीं किसी की पहचान के रूप में है । पर सौ बातो की एक ही बात है, है बड़े काम की और कमाल की जनाब ये कलम और मैं मां सरस्वती से प्रार्थना करता हूं की वो आपको मुझको हम सबको इस कलम रूपी ताकत के साथ आगे बढ़ने का मौका और शक्ति प्रदान करे ।

Sanjay Nimiwal
Sanjay
11 months ago

कलम की ताकत 🖋️🖋️🖋️

यह तो शुरुआत है, अभी कुछ ख्वाबों को जकड़ा है।

ख्यालों से पहचान है, अभी तो कलम को पकड़ा है।। 👌 👌 👌 👌 👌🏼 👌🏼 🙏 🙏🏻 🙏🏻 👌 👌 👌 🙏 👌 👌 👌 👌 👌

Dinesh Sharma
Dinesh Sharma
11 months ago

मेरे अज़ीज़ छोटे भाई जिले सिंह जी आप द्वारा अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर प्रतिदिन अलग अलग विषयों पर अपने विचारों का तर्कशील तरीके से विवेचन करना ही प्रशंसनीय है। में आपके विचारों का सम्मान करता हूं। आप जीवन में सफलता के उच्च मुकाम पर पहुंचे। इसी कामना के साथ 😊😊😊👍👍👍

Hem Pratap Bisht
Hem
11 months ago

Nice

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