सन्तोषवान विचारक का अर्थ | सन्तोषवान विचारक की परिभाषा
Definition of Contented Thinker | Philosopher Ki Paribhasha | Shantoshvan Vicharak Ki Paribhasha
Contented Thinker
“” सन्तोष से विचारक “”
अब मैं अजीब ही मुक़ाम पर पहुंच गया,
पहले समझौता अब तो सन्तोष ही करने लग गया हूँ ;
जहां न अच्छा पाने का ख्याल है न ही बुरा होने का डर ,
कहने भर को कोई शिकायत नहीं पर ” जैसा हूँ वैसा ही मैं ठीक ही हो गया हूँ ” ;
कभी बना जो हुक्मरानों के जुल्मों सितम में विरोध का स्वर,
मुखर आवाज लेते हुए न्याय की तलाश में अब समाजसेवी बन रहा हूँ ;
ना अब काम जाने का डर है अब ना ही रिश्तों के खो जाने का मलाल,
मानस अब दुनिया की नजर में मुख्लिसों का जो हमदर्द बन रहा हूँ ;
जब छलकने लगा जो दर्द आँखों से दूसरों का,
सेवा में समर्पण व सुख के त्याग से अब संत होने की तरफ़ बढ़ रहा हूँ ;
जब न रहा माया खोने का ख़ौफ व ना रही जिंदा रहने की जद्दोजहद,
तब दुनिया कहने लगी कि मैं अब ” यथार्थवादी विचारक ” बन गया हूँ ।
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सन्तोषवान विचारक का अर्थ | सन्तोषवान विचारक की परिभाषा
Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
Follower – Manas Panth
Purpose – To discharge its role in the promotion of education, equality and self-reliance in social.
Wow sir kya line likhi hai ek garib insaan ke vichar likhe diye sir jo thode me sota hai thode me jita hai or ek amir aadmi ke liye kaale आखर likh diye jish ko कहीं sakun nahi hai har time paane ki इच्छा rakhta hai उसे dar rahta hai mai गरीब na ho jaau
जीवन का चरम बिंदु
“सेवा में समर्पण……संत होने की तरफ बढ़ रहा हूं”
अति सुन्दर लेखन