Wednesday, May 31, 2023

Definition of Admiration | श्रद्धा की परिभाषा

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श्रद्धा की परिभाषा | श्रद्धा का अर्थ
Definition of Admiration | Meaning of Praise | Shraddha Ki Paribhasha
“” श्रद्धा “”
“” श्रेष्ठता के प्रति भावुक व अनन्य प्रेम को दर्शाती करबद्ध वन्दना ही श्रध्दा कहलाती है। “”
“” दूसरे के प्रति निःशब्द अन्तर्मुखी सच्ची आराधना या निवेदन ही श्रद्धा कहलाती है। “”
मानस के अंदाज में –
“” श्र “” से श्रीमुख जहां वचनों की धार्मिक व्याख्या के लिए अपना प्रयोग देता हो,
वहाँ सिद्ध या देव ही श्री की संज्ञा लेते हैं ;
“” र “” से रहनुमा जहां ईश्वर तुल्य हो,
वहाँ समर्पण व आस्था कूट कूट कर भरी रहती है ;
“” ध “” से धैर्य जहां शालीनता का परिचय देने लगे,
वहाँ व्यक्तित्व में निखार आना लाज़मी है ;
“” द “” से दयामयी दरख्वास्त जहां अपने से श्रेष्ठ से हो तो,
वहाँ प्रतिफल भी अभूतपूर्व देखने को मिलते हैं ;
“” वैसे श्रीमुख जहां रहनुमा से धैर्य के साथ दयामयी दरख्वास्त करे वहाँ वह श्रद्धा ही है। “”
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श्रद्धा की परिभाषा | श्रद्धा का अर्थ
Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

3 COMMENTS

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Manas Shailja
Member
1 year ago

great thought

Sanjay Nimiwal
Sanjay
4 months ago

🙏👌🙏

किसी के प्रति श्रद्धा का भाव ही

मानवीयता का लक्षण है।।

Sarla Jangir
सरला जांगिड़
25 days ago

दूर रहो तुम, दूर रहो 
स्तुति से तुम दूर रहो
 देखो कहीं तुम्हें वह डस ना ले,
अकेला जानकर घेर ना ले,
इस घेर में बहुत फंसे,
 राजा और देवता भी ,
प्रशंसा महान बनाती है,
 जो मरण दृश्य पर आती है ,
इससे पहले द्वार न दो ,
निज लक्ष्य साधो, ध्यान ना दो ,
ध्यान दिया, जो स्थान दिया,
 समझो वह पथ से भटक गया ।
 प्रशंसा से अभिमानित होकर,
  कर्म करे जो अहमित होकर ,
बुद्धि शापित विश्वास अति,
पथ भ्रमित, मन प्रफुल्लित,
मुख पर ऐसे भाव लिए, 
जैसे जिह्वा में बाण लिए, 
 मानो पंख लगे हों देह में,
मन में अभिनंदन लिए फिरता है,
 अपना पतन स्वयं करता है।
— प्रोफेसर सरला जांगिड़

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