व्यथा की परिभाषा | व्यथा का भावार्थ
Definition of Agony | Meaning of Soreness | Vyatha Ki Paribhasha
“” व्यथा “”
“” मन के दर्द को बयां न कर पाने की मनोस्थिति ही व्यथा कहलाती है। “”
“” सूरतेहाल को साझा न कर पाने का मनोभाव ही व्यथा है। “”
“” बस भागता चला,
यूँ ही भीड़ की तरफ़;
चाहता था कि फिर भी,
उसे रास्ता मिले।
कमबख्त इस आरजू ने,
कुछ ओर ही तमाशा बना दिया;
आरजू थी कि जो भी मिले सिर्फ उसे,
हमारी तरफ देखता मिले।। “”
“” सत्ता की लुलुप्तता ने कुटिलता, धूर्तता व मक्कारी से चन्द राजनीति भेड़ियों ने मुस्लिम समुदाय के मन में मिथ्या ज़हर व झूठी उम्मीद के साथ विद्वेषपूर्ण , अलगाव , बैर भाव व असहिष्णुता का बीज रोपित कर दिया। “”
“” परिणामस्वरूप हालफिलहाल में भीड़तंत्र व अलगाववाद को मासूम लोगों की हत्याओं पर जश्न मनाते देखा जा सकता है। “”
मेरी व्यथा — टूटते , बिखरते व बेगानेपन भरे रिश्तों का सामाजिक दंश व उसमें बुद्धिमानों की चुप्पी —
“” धूर्त मौलानाओं, मक्कार जेहादियों , धर्म के ठेकेदारों व मौकापरस्त नेताओं के पीछे सामाजिक समरसता, विचारों की अभिव्यक्ति व भाईचारे का पतन कितना जायज। “”
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व्यथा की परिभाषा | व्यथा का भावार्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक समरसता , प्रेम व भाईचारे में अपनी भूमिका का निर्वहन
सटीक भावार्थ
Nice…
मन वैरागी, तन वैरागी।
जब से छूटी तुझसे लगन,
तब से वैरागी लागे सारा जीवन।
क्यों कोई व्यक्ति आपके भले और हित के लिए सोचेगा?
जबकि आप भी किसकी मदद और भले के लिए तैयार नहीं।
7 years ago
कर भला तो हो भला
Mahesh Soni