ख्याल की परिभाषा | ख्याल क्या है
Definition of Care | Meaning of Notions | Khyal Ki Paribhasha
“” ख्याल “”
“” स्वप्नावस्था जहां स्वयं के अनुरूप कार्य होना व्यक्त हो ख्याल कहलाता है। “”
“” जागृत अवस्था में व्यर्थ / यूँ ही अनर्थ / सार्थक होने का प्रमाण मान लेना ही ख्याल है। “”
“” अल्पकाल में कुछ घटित होने के अहसास से विचलित / गदगद / तठस्थ होना ही ख्याल है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” ख् “” से खुमारी
“” य “” से येन केन
“” ल “” से लालसा
“” खुमारी की येन केन बनी लालसा ही ख्याल है। “”
वैसे “” ख् “” से खैरात
“” य “” से याचना
“” ल “” से लालायित रहना
“” खैरात की याचना के लिए लालायित सोच ही ख्याल है।””
मानस की विचारधारा में –
“” अपरिपक्वता की ऊहापोह ही ख्याल है। “”
“” धुँधली तस्वीरों में ध्यान मग्न रहना ही ख्याल है। “‘
—- “” वास्तविकता से दूर कल्पनायुक्त फिक्र ही ख्याल है। “” —-
“” ख़्याली पुलाव बनाना तो गलत है ही ,
खामख्याल बनाना अपरिपक्वता व कुंठित मानसिकता का द्योतक भी,
नेकख्याल रखना संतत्व और आशावादिता का प्रतीक कहलाता है। “”
“” नीति के साथ नीयत भी देखो। “”
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ख्याल की परिभाषा | ख्याल क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर व्याख्या 🙏👌👌
लगता है जिसके ख्याल पे खत्म होगा ये साल,
उसकी ही ख्वाहिश से शुरु होगा ये नया साल ।।