“” द्वंद्व की परिभाषा ”” या “‘ द्वंद्व क्या है “”
“” Definition of Duality “” or “” Meaning of Duplexity “”
“” द्वंद्व “”
“” दो पक्षों में मची होड़ ही द्वंद्व है। “”
“” किन्हीं के मध्य श्रेष्ठता हेतु मची रस्साकशी ही द्वंद्व है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” द”” से दमखम
“” व् “” से विवाद द्विपक्षीय
“” न् “” से नियति
“” द “” से दर्जा
“” व् “” से वक़्त अनुसार
“” दमखम विवाद द्विपक्षीय होने पर नियति दर्जा जब वक़्त अनुसार करे तो वह द्वंद्व कहलाता है। “”
वैसे “” द”” से दावा
“” व् “” से वजूद
“” न् “” से नवनिर्माण
“” द “” से दखल दूसरे पक्ष
“” व् “” से विधिसम्मत
“” दावा वजूद के नवनिर्माण में दखल दूसरे पक्ष से विधिसम्मत हो तो वह द्वंद्व कहलाता है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” किसी दो के बीच बनी दौड़भाग ही द्वंद्व है। “‘
“‘ आपसी सामंजस्य में बेहतर साबित होने हेतु बना संघर्ष ही द्वंद्व है। “”
—– “” द्वंद्व सदैव सकारात्मक दिशा में होने से मानवता लाभान्वित होती है। “” —–
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
द्वंद्व…
आज के समय मे
सभी के मन ही मन में
एक ऐसा युद्ध छिङा है,
जिसमे सभी अपने ही विरूद्ध खङे है।