Tuesday, March 21, 2023

“” व्रत की परिभाषा “” या “” व्रत का अर्थ “”

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“” व्रत की परिभाषा “” या “” व्रत का अर्थ “”
“” Definition of Fasting “” OR “” Meaning of Fasting “”

“” व्रत “”

“”निश्चय को पूर्ण सत्यनिष्ठा एवं समर्पण के साथ निभाना ही व्रत है। “”

“” आस्था को समर्पित भावनात्मक निर्णय का शुद्ध अन्तःकरण से निर्वहन करना ही व्रत है। “”

वैसे “” व “” से वचनबद्धता जहां निश्चलभाव से पूर्णता को प्राप्त होती है ,
वहां धर्मपरायणता के साथ आदर्शवाद आना तय है ;
“” र “” से रस्म जहां व्यवहारशीलता की परिचायक होती है,
वहां कर्तव्यनिष्ठ के साथ दृढ़ निश्चयी होना स्वभाविक है ;

“” त “” से तर्कशक्ति जहां निर्णय के प्रति नतमस्तक सिद्ध होती है ,
वहां व्यक्ति से ज्यादा व्यक्तित्व की प्रधानता होना तय है ;
वैसे वचनबद्धता की जहां रस्म व तर्कशक्ति पोषक बनती हों,
वहां निर्णय की शुद्ध दृढता यानि अडिग भाव ही व्रत है ;

“” लक्ष्य प्राप्ति विचार में आस्था व निश्चलभाव की प्रधानता हो वह व्रत कहलाता है। “”

यह सनातन संस्कृति की सर्वश्रेष्ठ शैली होने के उपरांत भी अपरिपक्वता व अशिक्षा की शिकार रही है।

कालांतर में व्रत के आंशिक रूप ( उपवास ) को व्रत कहा जाने लगा।

दुनिया सरल व सहज को ही स्वीकार करती है और यही सार्वभौमिक सत्य है ।

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

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