मुक्ति की परिभाषा | मुक्ति क्या है
Definition of Freedom | Meaning of Margin | Mukti Ki Paribhasha
“” मुक्ति “”
“” हर प्रकार के बन्धनों से छुटकारा ही मुक्ति है। “”
“” अभिव्यक्ति की आजादी ही मुक्ति है। “”
“” स्वच्छंद आचरण की आधारशिला भी मुक्ति ही है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” म “” से मर्यादा
“” क् “” से कर्मबन्धन
“” त “” से तिलांजली
“” मर्यादा में रहते कर्मबन्धन से तिलांजली ही मुक्ति है।””
वैसे “” म “” से मौजूदा
“” क् “” से क्रियान्वयन
“” त “” से तरीके बद्ध तबदीली
“” मौजूदा क्रियान्वयन से तरीकेबद्ध तबदीली करना ही मुक्ति है।””
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” व्यवहारिक कर्मबन्धनों व जिम्मेदारियों का उन्मूलन होना ही मुक्ति है। “”
“” बिना रोकटोक व निसंकोच प्रर्दशन की जीवनशैली भी तो मुक्ति दर्शाती है। “‘
—- “” जीव का ईश्वर के प्रति असीम समर्पण ही मुक्ति को अभिव्यक्त करता है। “” —-
“” मुक्ति जीवन शैली से हर कोई चाहता है परंतु वास्तव में हो ऐसा तो कम ही प्रतीत होता है। “”
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मुक्ति की परिभाषा | मुक्ति क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर व्याख्या 🙏👌🙏
इश्क का ही नशा होता है,
वरना..
कौन कमबख्त अकेला ही,
सुनसान राहों पर मुस्कुराता है।।
अपने ही अपना कहकर, आपका शोषण करे;
तो ऐसे अपनो को पराया कर देना ही बेहतर है।
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