आत्मग्लानि की परिभाषा | आत्मग्लानि क्या है
Definition of Guilty | Meaning of Depression |Atmglani Ki Paribhasha
“” आत्मग्लानि “”
“” अहम को चोट लगने की स्थिति में जीवन पर्यन्त उऋण होने के विचार में घृणात्मक स्थिति प्राप्त करना ही आत्मग्लानि है। “”
“” अपने अनुचित एवं अवांछित कर्म को याद करते हुए प्राणी का घिन्नता में बने रहना भी आत्मग्लानि है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” आत्म “” से स्वयं
“” ग्लानि “” से घिन्नता
“” स्वयं से घिन्नता बने रहना ही आत्मग्लानि है। “”
वैसे “” अ “” से अस्तित्व
“” त् “” से तर्कयुक्त
“” म “” से मार्गदर्शन
“” ग “” से ग़म
“” ल “” से लाचारी
“” न “” से नतमस्तक
“” अस्तित्व के तर्कयुक्त मार्गदर्शन में ग़म व लाचारी के प्रति नतमस्तक भाव ही आत्मग्लानि कहलाती है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” मार्मिक भावनाओं व मान्यताओं से अपने आप को रूबरू ना करवा पाने का दंश ही आत्मग्लानि है। “‘
“” अपने कृत्यों से नफ़रत की इंतहा ही आत्मग्लानि है। “”
—- “” अमानवीय आचरण से अपनी ही मर्यादा को तार तार कर देना व उसके उपरांत लज्जित भाव से जीवन जीना ही आत्मग्लानि को दर्शाता है। “” —-
“” आत्मग्लानि का भाव में इंसान को जीवन पर्यन्त कुढ़ना पड़ता है, थोड़ा आत्मसंतोष गलती की सुधारने से प्राप्त किया जा सकता है। “”
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आत्मग्लानि की परिभाषा | आत्मग्लानि क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर 👌👌
मनुष्य को अपने शब्दों को अहमियत देना चाहिए,
ना जाने कौन सा अल्फाज उसकी आत्मग्लानि का कारण बन जाए।।
अति सुन्दर विचार श्रृंखला
आत्मग्लानि मनुष्य को गेंहू में घुन की तरह अंत की ओर अग्रसर करती है ।