दिल का मर्म | पीड़ा का दंश
Definition of Heart Pain | Meaning of Heart Pain | Dil Ka Marm
“” दिल का मर्म या पीड़ा का दंश “”
जुल्मों सितम की इंतहा हो तो,
बाजुओं को खोलना ही पड़ता है ;
जब बढ़ जाये मर्ज़ ऐ दुश्वारी तो,
उसका इलाज खोजना ही पड़ता है ;
जब देना हो जुबान ऐ तरज़ीहत तो,
हर बात कहने से पहले उसे कांटे पर तोलना ही पड़ता है ;
मुख्लिस, मुजलूमों के हक़ की हो बात तो,
हुक्मरानों के समक्ष बेखौफ होकर बोलना भी पड़ता है ;
आंच न आ जाये असूलों पर अपने तो,
किसी विचार या वस्तु तो कभी हमराज को भी छोड़ना ही पड़ता है ;
बन न जाये घाव के फाले दर्द ऐ नासूर तो,
उनको वक़्त रहते ही फोड़ना भी पड़ता है ;
जब तक बन जाये अपनों की किस्मत तो,
मेहनत की भट्टी में खुद को झोंकना ही पड़ता है ;
जब कभी हो धुँधले या मृगतृष्णा बने मंजिल के रास्ते,
तो बीच रास्ते में वापसी लौटना भी समझदारी जान पड़ता है ;
फैल ना पाये मवालियों की दहशत इस जहाँ में,
कभी कभी भौकाल करना तो कभी दबंग बनना ही पड़ता है ;
जब पड़ न जाये संकट में ही मानवता हमारी,
तो सेवाकर्मियों द्वारा रक्षा हेतु नींद बीच मे ही छोड़ दौड़ना भी पड़ता है ;
रहें हिफाज़त में सरहदें हमारी तो,
जांबाज द्वारा दुश्मन की गोली को अमन की खातिर सीने पर झेलना ही पड़ता है;
भाईचारे में जब दिल रख दिया जाये उसके कदमों में तो,
शर्मसार न कर दे वो रिश्तों को इसीलिए न चाहते हुए भी आंखों को कभी कभी फेरना ही पड़ता है।
“” प्रेमपूर्वक समर्पण लेने या देने में भाव अंतर्मन से स्वीकार्यता अत्यंत आवश्यक है। “”
These valuable are views on Heart Pain | Meaning of Heart Pain | Dil Ka Marm
दिल का मर्म | पीड़ा का दंश
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
👌 👌 👌 wow sir ji kya wichar hai aapke
लाजवाब🖋️🖋️🙏
बहुत ही बढ़िया गुरु जी
सुन्दर अभिव्यक्ति
thanks
Nice views
बहुत ही सुंदर संवेदनशील और मार्मिक विवेचना ।
thanks
सुंदर अभिव्यक्ति