प्यार की परिभाषा | प्यार क्या है
Definition of Love | Meaning of Affection | Pyar Ki Paribhasha
“” प्यार “”
“” प्राणी द्वारा अन्य की खुशी या उसकाअस्तित्व बनाये रखने के लिए खुद को फनाह तक ले जाने का जज्बा ही प्यार कहलाता है। “”
“” मर्यादित व्यवहार से ऊपर उठकर समर्पण ही हदें तोड़ना ही प्यार है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” प् “” से परानुभूति
“” य “” से याराना
“” र “” से रिश्ता
“” परानुभूति याराने में बने रिश्ते का अहसास ही प्यार कहलाता है। “”
वैसे “” प् “” से प्राण प्रिय
“” य “” से याद
“” र “” से रीझना
“” प्राण प्रिय होने पर भी यादों में जहां शामिल रिझाना हो तो वह प्यार कहलाता है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” अंतर्मुखी व अत्यंत हार्दिक आभार युक्त लगाव ही प्यार कहलाता है। “‘
“‘ स्नेह का आत्मविभोर व मार्मिक बने रहना ही प्यार कहलाता है। “”
“” त्याग, बलिदान व न्यौछावर होने की जन्मस्थली प्यार ही कहलाती है । “”
These valuable are views on Definition of Love | Meaning of Affection | Pyar Ki Paribhasha
प्यार की परिभाषा | प्यार क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
प्यार को शब्दो में बांधना तो सम्भव ही नहीं है इसकी कोई सटीक व्याख्या तो हो ही नहीं सकती पर फिर भी हमारे लेखक महोदय ने बहुत ही अच्छा प्रयास किया है । मैं आपके शब्दो को काबिले तारीफ समझता हूं ।
हमारे लेखक महोदय को अपने 400 वें आर्टिकल पोस्ट करने की हार्दिक शुभकामनाएं ईश्वर आपकी लेखनी में और जान डालते हुए आपकों स्वस्थ जीवन प्रदान करे।
thanks A lot for love, support and guidance.
अतिसुन्दर 👌👌
प्यार का कोई रूप नहीं होता,
जब कोई एहसास खुद से ज्यादा
अच्छा लगे तो वो ही प्यार है।।।
“दुनिया खैरियत उसी को पूछने जाती है, जिसकी कुछ हैसियत होती है।
इसलिए हैसियत के लिए दौड़ लगाओ, हसीनाओं के लिए नही।”