राष्ट्रवाद की परिभाषा | राष्ट्रवाद का अर्थ
Definition of Nationalism | Meaning of Nationalism | Rastravad Ki Paribhasha
“” राष्ट्रवाद “”
“” देश के लिये मर मिटने या कुछ कर गुजरने का जज्बा या जोशीली भावना ही राष्ट्रवाद कहलाती है। “”
“” देश के संविधान के प्रति समर्पित विचारधारा को राष्ट्रवाद कहते हैं। “”
“” निज हित को छोड़ देश के लिए सर्वकल्याण भावना की प्रबलता को ही राष्ट्रवाद कहते हैं। ‘”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” राष्ट्र “” से देश
“” वाद “” से विचारधारा की दूरअंदेशी
“” देश हेतु विचारधारा की दूरअंदेशी जहां हो तो वह राष्ट्रवाद कहलाता है। “”
वैसे “” राष्ट्र “” से प्रदेश
“” वाद “” विचारशक्ति दूरगामी सन्देश
“‘ प्रदेश के लिए विचारशक्ति में जहां दूरगामी सन्देश विद्यमान रहते हों तो वह राष्ट्रवाद कहलाता है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” समझ का दायरा जब वतन की हिफाज़त के इर्दगिर्द केंद्रित होने लगे तो वह राष्ट्रवाद कहलाता है। “”
“” जब किसी की सोच के खाने में सिर्फ अपने मुल्क की तवज्जो में व्यवहार तय होने लगे तो वहां की विचार श्रृंखला में सिर्फ राष्ट्रवाद है। “”
“” राष्ट्रवाद से ऊपर मानवीय मूल्यों को ही जगह मिलती है,
परन्तु सुरक्षा की दृष्टि में पहले वतन को ही रखना चाहिए,
क्योंकि वह सुरक्षित है तो ही संस्कृति भी सुरक्षित रह सकती है। “””
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राष्ट्रवाद की परिभाषा | राष्ट्रवाद का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
सटीक व्याख्या 🙏👌🙏
न धर्म चाहिए, न जाति चाहिए।
राष्ट्र निर्माण हेतु अच्छे इंसान चाहिए।।
इस भारत भूमि पर फिर से माधव,
‘पांचजन्य’ का आह्वान करो । सदियों से सुसुप्त जनता में,
प्राणों का संचार करो ।
लक्ष्य एक हो, प्रेम एक हो।
भाव एक हो, चाह एक हो।
जो करें सर्वस्व अर्पण ,
यूं राष्ट्रप्रेम की नींव रखो।-प्रोफेसर सरला जांगिड़