शक्ति की परिभाषा | शक्ति क्या है
Definition of Power | Meaning of Force | Shakti Ki Paribhasha
“” शक्ति “”
“” दक्षता का आत्मविश्वासीय प्रदर्शन होने का प्रामाणिक आधार ही शक्ति है। “”
“” शौर्य व ज्ञान के संकलन में अंतर्निहित अजेय की आधारशिला ही शक्ति कहलाती है। “”
वैसे “” श “” से शूरता जहां जीवन शैली की परिचायक बने,
वहाँ मानवीय जीवन में हर बार नये कीर्तिमान स्थापित होने तय हैं;
“” क् “” से क्यारी जहां बनाने की युक्तिबद्ध सतत प्रक्रिया हो,
वहाँ वैज्ञानिक विधि से संचय करने की मानवीय कला का विकसित होना लाजमी है;
“” त “” से तार्किकता जहां कार्यव्यवहार में दर्ज होने लगे,
वहाँ कार्यकुशलता व नेतृत्व में निखार आना अवश्यम्भावी है;
वैसे “” शूरता जहां क्यारीबद्ध के साथ तार्किकता पर सवार होती है,
वहाँ कार्यनिष्पादन व निपुणता का आधार ही शक्ति है। “”
सरल शब्दों में –
“” सामर्थ्य का कर्त्तव्यनिष्ठ होने में अवश्यम्भावी विजय प्रदर्शन का जज्बा ही शक्ति है। “”
मानस की विचारधारा में शक्ति –
“” चुनौती के समझ दृढ़तापूर्वक निश्चय को परिलक्षित करता आत्मबल या अंदरूनी आभास ही शक्ति है। “”
शक्ति का मतलब सिर्फ शारीरिक क्षमता का विकसित होना नहीं है इसका मतलब नवनिर्माण, नवसर्जन व नीतियुक्त कार्य को आत्मसात करने से है।
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शक्ति की परिभाषा | शक्ति क्या है
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – अपनी शक्ति को सकारात्मक व ऊर्जावान समाज के नवनिर्माण में समर्पित करना।
सुन्दर व्याख्या 👌👌
हमारे अंतर्मन की सोच
और शक्ति ही असली है,
बाकी सब काल्पनिक है।