“” अभिमान की परिभाषा ”” या “‘ अभिमान क्या है “”
“” Definition of Pride “” or “” Meaning of Hubris “”
“” अभिमान “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” अपनी योग्यता पर अति भरोसा कर अन्य को तुच्छ समझना अभिमान कहलाता है। “”
वैसे “” अ “” से आत्मप्रशंसा
“” भ “” से भौकाल
“” म “” से महत्वाकांक्षा
“” न “” से नाज
“” आत्मप्रशंसा जब भौकाल में महत्वाकांक्षा पर ही नाज करने लगे तो वह अभिमान कहलाता है। “”
वैसे “” अ “” से आत्मप्रतिष्ठा
“” भ “” से भ्रम / भरमाव
“” म “” से मनमाफ़िक
“” न “” से निर्लज्जता
“” आत्मप्रतिष्ठा जब भरमाव से मनमाफ़िक निर्लज्जता दिखाने लगे तो वह वहां अभिमान है। “”
वैसे “” अ “” से आत्मानुभूति
“” भ “” से भरोसा
“” म “” से मौकापरस्ती
“” न “” से नादानी
“” आत्मानुभूति भरोसे में मौकापरस्ती व नादानी का बर्ताव करे तो वह अभिमान ही है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” अपने काबिलियत पर हद से ज्यादा उत्साहित होना ही अभिमान कहलाता है। “”
“” हुनर जब आत्मघाती कदम इख़्तियार करने लगे तो वह अभिमान ही कहलाता है। “”
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
🙏🙏🙏स्वाभिमान इतना भी ना बढाएँ,
कि अभिमान बन जाए। ।।।
अति सुन्दर
तुम्हें है, अभिमान किस बात का?
मेरे पास कार है!
वो तो एक्सीडेंट हो सकती है ना?
मैं सबसे सुंदर हूँ!
तुम बूढ़ी भी तो हो सकती हो ना?
मैं बहुत बड़ा नेता हूँ!
कल तुम्हारी जहग कोई और भी तो बन सकता है ना?
मैं बहुत बलवान हूँ!
यह बल क्षण भी तो सकते है ना?
मैं जज हूँ!
कितने समय के लिए?
मैं तुम्हे मार सकता हूँ!
आत्मा तो अमर है ना?
मैं तुम्हारा धन लूट लूंगा!
धन तो दुबारा भी कमा सकता हूँ ना?
इत्यादि
जो कुछ मिला वह उस परमात्मा/प्रकृति की देन है।
जो भी मिला है वो नष्ट भी होगा। यह सब टेम्पररी।
फिर किस बात का गुमान है?
जीना है तो हँस कर और हँसाकर जिओ।