विरोध की परिभाषा | विरोध सिर्फ वर्चस्व की जिद
Definition of Resistance | Meaning of Resistance | Virodh Ki Paribhasha
| Resistance is only the Insistence of Domination |
| विरोध |
नुकसान छोड़ कभी- कभी भावनाओं के साथ खेल भी हम बर्दाश्त करते हैं ,
टीस उठी ऐसी दिल में जो सब कुछ मिटाने की बात करते हैं ;
फिर चाहे सामने ताकतवर हो या धूर्त या फिर जान पर भी बने ,
हुंकार ऐसी हमारी मानो जैसे जंगल में शेर ही दहाड़ भरते हैं ;
कागजी शेर कहें या मौकापरस्ती उनकी जो ,
शक्तिशाली प्रतिद्वंदी की समृद्धि को रोकने में हवाई बात ही करते हैं ;
हिफाजत की इमदाद भरी एक पल जिनसे, उनके hi सीने पर गोली का इतंजामात भी करते हैं ,
जो छोड़ न सके सोशल ऐप्स जो विरोध में , वो हस्ती मिटाने हेतु सौगंध लेने की बात भी करते हैं ;
वैसे विरोध में “”व”” से वर्चस्व बनाये रखने की जहाँ वचनबद्धता बनी हो ,
व्यक्तिगत हो या सार्वजनिक हितों की प्राथमिकता की कुवत भी करते हैं ;
“”र”” से रक्षित अधिकार करने का जहां नियम विद्यमान हो ,
रक्षात्मक रहते भी लाभ की आकांक्षा लिए खड़े भी रहते हैं ;
“”ध”” से धारणा अलगाव की जहां हरदम भीतर हो ,
धूर्त्तता व धृष्टता भी धर्मपरायणता की धरोहर के साथ खड़े मिलते हैं ;
वैसे “” वर्चस्व रक्षित धारणा “” जीवन में जहां कायम हो ,
वहां पग – पग मुखर हो अग्र पंक्ति में “” विरोध “” दर्ज भी करवाया करते हैं ;
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विरोध की परिभाषा | विरोध सिर्फ वर्चस्व की जिद
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
Correct 💯
बिलकुल सही बात करते है।