चित्त की परिभाषा | चित्त क्या है
Definition of Sentiment | Meaning of Sensation | Chitta Ki Paribhasha
“” चित्त “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
“” आध्यात्मिक दृष्टि से चंचल इंद्रियों का उद्गम स्थल ही चित्त है। “‘
वैसे “” च “” से चंचलता के साथ चौकस
“” त् “” से तत्तपरता
“” त “” से तारतम्यता
“” चंचलता के साथ चौकस, तत्तपरता व तारतम्यता का तालमेल ही चित्त कहलाता है। “”
वैसे “” च “” से चिंतन में अधीरता
“” त् “” से तीव्रता
“” त “” से तर्कसंगत शून्यता
“” चिंतन में अधीरता के साथ तीव्रता व तर्कसंगत शून्यता का आवेश ही चित्त कहलाता है। “”
वैसे “” च “” से चातुर्यता में भी असजगता
“” त् “” से तहजीब
“” त “” से ताबेदारी
“” चातुर्यता में भी असजगता , तहजीब के साथ ताबेदारी में भी मोह से विचारों की गिरफ्त ही उसे चित्त बनाती है। “‘
मानस की विचारधारा में –
“” मन का दूसरा साहित्यिक स्वरूप शब्द ही चित्त कहलाता है। “”
“” मार्मिक संवेदनाओं और तर्कयुक्ति विचारधारा के बीच स्थिति ही चित्त है। “”
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चित्त की परिभाषा | चित्त क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
🙏👌🙏
कर्म करना व कर्तव्य पालन में ही चित्त की शांति है।