शास्त्रार्थ की परिभाषा | शास्त्रार्थ का अर्थ
Definition of Shastrarth | Meaning of Shastrarth | Shastrarth Ki Paribhasha
| शास्त्रार्थ की परिभाषा |
“” व्यावहारिक उपयोग हेतु शिक्षार्थ बिन्दुओं पर सारगर्भित चर्चा ही शास्त्रार्थ कहलाती है। “”
“” सैद्धांतिक विषयों को सरल, स्पष्ट और सुगम्य इंगित करती हुई सार्थक परिचर्चा ही शास्त्रार्थ है। “”
वैसे मानस के अंदाज में –
“” श “” से शिक्षार्थ बिंदु
“” स् “” से सैद्धांतिक नियम
“” त्र “” से त्रिप्रक्रिया 【 विश्लेषण, संश्लेषण और लेखनीबद्ध 】की समावेशी
“” र “” से रायशुमारी की स्वीकार्यता
“” थ “” से थोपना वर्जित रहना
“” वैसे से शिक्षार्थ बिंदु पर सैद्धांतिक नियम के साथ त्रिप्रक्रिया 【 विश्लेषण, संश्लेषण और लेखनीबद्ध 】की समावेशी होने पर भी रायशुमारी की स्वीकार्यता के साथ साथ जहां थोपना वर्जित भी रहता हो तो उसे शास्त्रार्थ कहते हैं। “”
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शास्त्रार्थ की परिभाषा | शास्त्रार्थ का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।
बहुत ही पुराना मगर आज की पीढ़ी के लिए बिल्कुल अनछुआ मुद्दा उठा लिया आपने । वर्षो पहले यही तो वो तीर था जिसके बूते पर स्वयं को श्रेष्ठ और महान सिद्ध करता था । और जिसे आज जमाने ने Compitition का नाम देकर इति श्री कर डाली । पूरे शब्द की व्याख्या ही बदल डाली ।
so nice explanation