श्रीमती की परिभाषा | श्रीमती का शाब्दिक अर्थ
Definition of Shrimati | Meaning of Shrimati | Shrimati Ki Paribhasha
| श्रीमती |
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार –
“” श्रीमती “” का अर्थ धन लक्ष्मी की स्वामिनी
“” श्रीमती “” का अर्थ भाग्यलक्ष्मी या वैभव की अधिष्ठात्री
“” श्रीमती “” का अर्थ भगवान विष्णु की अर्द्धांगिनी भी कहा जाता है।
परन्तु हमारी नजर में –
श्री सैद्धांतिक अर्थ सन्धि विच्छेद द्वारा
श्र + ई + मती = श्रीमती
श्र = श्रांत 【 जिसकी इच्छा व वासना की तृप्ति हो चुकी हो 】
ई = ईश्वर के प्रति आस्थावान हो।
मती = अधिकार की अधिष्ठात्री
“” श्रांत होते हुए ईश्वर पर आसक्ति के साथ अधिकार की अधिष्ठात्री हो तो, वह श्रीमती कहलाती है। “”
दूसरे शब्दों में –
श्र + ई + म + ती = श्रीमती
श्र + ई = श्री
श्र = श्रद्धेय
ई = इंद्रजीत 【 पाँच ज्ञानेन्द्रियों (आंख, कान, नाक, जीभ और त्वचा) व पाँच कर्मेन्द्रियों ( हाथ, पैर, मुंह, गुदा और लिंग ) + चार अन्तःकरण ( मन बुद्धि चित्त और अहंकार ) 】
म = मातृत्व शक्ति की परिचायक
ती = त्यागिनी
“” जो श्रद्धेय होने के साथ इंद्रजीत, मातृत्व शक्ति की परिचायक व त्यागिनी भी हो तो, वह श्रीमती कहलाती है। “”
अन्य शब्दों में –
श् + र + ई + म + त + ई = श्रीमती
श् = शिक्षित होने पर शालीन हो।
र = रणबांकुरी होने पर भी रहस्यमयी हो।
ई = ईमानदार के साथ ईश्वरनिष्ठ हो।
म = ममत्व की प्रेरणादायी मूर्ति
त = तपस्विनी
ई = इच्छित होने पर भी लज्जाशील हो।
“” शिक्षित होने पर शालीन हो, रणबांकुरी होने पर भी रहस्यमयी हो और ईमानदार के साथ ईश्वरनिष्ठ होने पर भी ममत्व की प्रेरणादायी मूर्ति, तपस्विनी व इच्छित होने पर भी लज्जाशील होना ही, उसे श्रीमती बनाता है। “”
“” विदुषी, रणबांकुरी, साहसी होने के उपरांत भी उसका त्यागिनी, तपस्विनी व धर्मपत्नी का परिचय देना ही, उसे “” श्रीमती “” कहलवाता है। “”
“” “” श्री “” की अर्द्धांगिनी के लिए आदरसूचक संज्ञा ही “” श्रीमती “” कहलाती है। “”
“”” कालांतर में वर्ण व्यवस्था को अपनाने वाली गृहस्थ युवती ही “” श्रीमती “” कहलाने लगी। “”
These valuable are views on Definition of Shrimati | Meaning of Shrimati | Shrimati Ki Paribhasha
श्रीमती की परिभाषा | श्रीमती का शाब्दिक अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
अत्यंत गूढ़ व्याख्या