“” पाप की परिभाषा ”” या “‘ पाप क्या है “”
“” Definition of Sin “” or “” Meaning of Misdeed “”
“” पाप “”
“” मन, वचन व कर्म द्वारा जब किसी की धार्मिक मान्यताओं आहत किया जाये तो वह पाप कहलाता है। “”
“” आध्यात्मिक क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश से शील भंग ही पाप कहलाता है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” प “” से पाश्विक प्रवृत्ति
“” प “” से पहनावा
“” पाश्विक प्रवृत्ति का पहनावा पाप की जननी है। “”
वैसे “” प “” से पारम्परिक मान्यताओं
“” प “” से पैरों तले रौंदना
“” पारम्परिक मान्यताओं को पैरों तले रौंदना ही पाप की आधार स्थली है। “”
मानस की विचारधारा में –
“” मार्मिक भावनाओं व मान्यताओं को रौंदना ही पाप कहलाता है। “‘
“” किसी के धार्मिक क्षेत्र में अमर्यादित दखल ही पाप कहलाता है। “”
—- “” अमानवीय व्यवहार से किसी की मर्यादा को खण्डित कर देना ही पाप कहलाता है। “” —-
“” पाप जुर्म की घृणित अवस्था है, जो आध्यात्मिकता पर गहरी चोट देता है।
कहते हैं पापों का हिसाब कोई और ही लेता है जहाँ किसी तरह की दलील नहीं चलती। “”
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर अभिव्यक्ति🙏🙏
ऐसा कोई कार्य ना करो,
जिससे किसी का दिल दुखे,
यही सबसे बङा पाप है ।।।
सुन्दर परिभाषा |
पाप से घृणा करो पापी से नहीं |