तंत्र की परिभाषा |तंत्र का अर्थ
Meaning of Tantra | Definition of Tantra | Tantra Ki Paribhasha
Definition of Tantra
“” तंत्र की परिभाषा या भावार्थ “”
“” भय, अनिष्ट की आशंका से मुक्ति हेतु तीव्र परिणाम के अपेक्षारत की गयी अनुष्ठानिक विधि ही तंत्र है। ‘”‘
“” तामसिक प्रक्रिया का व्यग्र रूप जहां लक्ष्य साधने में किसी अन्य / अन्य के हितों की बलि अवश्यम्भावी हो वह तंत्र है। “”
वैसे “” त “” से तन्मयता व तीव्रता जहां पूजा पद्धति में शामिल हो,
वहाँ लक्ष्य को हासिल करने में तमस आ ही जाता है ;
“” न् “” से न्यूनता जहां विचारशक्ति को प्रभावित करने लगे,
वहाँ हित साधने में दूसरे के हित अनहित के मायने ताक पर रखे जाते हैं ;
“” त्र “” से त्रास जहां दिमाग में जगह बना ले ,
वहाँ इससे उभरने के लिए हिंसक , उग्रता या उत्तेजक कार्यविधि अपनाना मतलबी, अतिमहत्वाकांक्षी होना दर्शाता है।
यानि तन्मयता व तीव्रता जहां न्यूनता से पार पाने में तल्लीन हो जाये,
तो वहाँ त्रास से येन केन मुक्ति पाने में आयोजित यज्ञ विधि ही तंत्र है।
मानस विचारधारा में “” तंत्र “”
“” लक्ष्य हासिल करने में अपने पूज्य को समक्ष मान एक विशेष अनैतिक उग्र, विस्फोटक या उबाल को परिलक्षित करती पूजा पद्धति ही तंत्र है। “”
मानस ऐसी मानसिकता का घोर विरोधी है। जो किसी अन्य के हितों को ताक पर रखने में हिंसा को समर्पित हो।
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तंत्र की परिभाषा |तंत्र का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – समाज में रूढ़िवादिता, अंधविश्वास व पाखण्ड को तर्कशास्त्र से जीतते हुए मानस पंथ की विचारधारा को परिलक्षित करना।