प्रलोभन का अर्थ | प्रलोभन की परिभाषा
Definition of Temptation | Meaning of Temptation | Pralobhan Ki Paribhasha
| प्रलोभन |
“” अपने सामर्थ्य से ज्यादा निज हित को साधने में सम्बंधित की तृष्णा पूर्ति करने का प्रयास ही प्रलोभन कहलाता है। “”
“” स्वः हितों को साधने हेतु मुतअल्लिक की लोलुपता शांत करने चेष्टा ही प्रलोभन कहलाता है। “”
“” अधिकाधिक धन सम्पत्ति / ऎश्वर्य को हासिल करने की जुगत में विषयी स्पृहा की पूर्ति हेतु प्रस्ताव ही प्रलोभन कहलाता है। “”
वैसे “” प “” से परहित
“” र् “” से रचना
“” ल “” से लालायित
“” भ “” से भोगने की प्रवृत्ति
“” न “” से निष्कंटक बनाना
“” परहित रचना में लालायित कर अधिकाधिक भोगने की प्रवृत्ति को निष्कंटक बनाने हेतु एक अनूठा प्रयास ही प्रलोभन कहलाता है। “”
वैसे “” प “” से प्रत्यक्ष प्रभाव
“” र् “” से रिझाने की कला
“” ल “” से लत
“” भ “” से भविष्योन्मुखी सुख संसाधनों
“” न “” से निरन्तर, निर्विरोध व निर्विवाद
“” प्रत्यक्ष प्रभाव को रिझाने की कला लतस्वरूप अपने भविष्योन्मुखी सुख संसाधनों की निरन्तर, निर्विरोध व निर्विवाद पूर्ति सुनिश्चित करे वह प्रलोभन कहलाती है। “”
“” विपरीत परिस्थितियों में भी इक्कट्ठा करने हेतु माध्यम से की गई जोड़ तोड़ ही प्रलोभन कहलाती है। “”
“” अंतर्निहित सुख को साधने हेतु सम्बंधित को भी लाभार्थी बनाने में अपनाये गये प्रपंच ही प्रलोभन कहलाते हैं। “”
“” लोभ को बुरी बला कहा जा सकता है, इसे अनैतिक कार्यों की जड़ भी कहा जा सकता है ,
परन्तु प्रलोभन तो सदैव ही अनिष्ट कारी और विध्वंसक ही साबित होता है। “”
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प्रलोभन का अर्थ | प्रलोभन की परिभाषा
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना
प्रलोभन….
जो मन मे आए जी भर जीयो,,,
यहाँ अच्छे और बुरे कर्म,
पाप और पुण्य के चक्कर में,
फँसाने मात्र के लिए है।।।