Monday, March 20, 2023

“” कामना की परिभाषा “” या “” कामना का अर्थ “” 

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“” कामना की परिभाषा “” या “” कामना का अर्थ “” 
“” Definition of Wishes “” or “” Meaning of Desire “””

“” कामना “”

“” किसी की समृद्धि हेतु जताई गई रूचि ही कामना है। “”

“” हितों की पूर्णता हेतु अपनाई गई प्रार्थना भी तो कामना ही है। “”

“” सुख भोगने हेतु की गई मन की वांछा भी तो कामना ही है। “”

वैसे “” क “” से करम
“” म “” से मार्मिक
“” न “” से नियत

“” करम यानि अच्छा मार्मिक नियत दर्शाना ही कामना है। “”

वैसे “” क “” से कुशलता
“” म “” से मनमाफ़िक
“” न “” से निति रीति

“” कुशलता हेतु मनमाफ़िक निति रीति ही कामना है। “”

“” विपरीत परिस्थितियों में भी कुशल हेतु आस्था में की गई अपील भी कामना है। “”

“” बेहतर दिखने की अभिलाषा भी तो कामना है। “”

“” सर्वकल्याण में ही निज कल्याण होता है। “”

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।

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Sanjay Nimiwal
Sanjay
3 months ago

कामना 🙏🙏

आप यूं ही कड़ी मेहनत, लगन और

पूरे जोश के साथ आगे बढ़ते जाओ,

मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।

Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
3 months ago

स्टीक परिभाषा

Sarla Jangir
सरला जांगिड़
6 days ago

उम्मीद के हमारे जीवन मायने ?
‘उम्मीद पर दुनिया कायम है’-
यह उक्ति हम सब ने बचपन में अपने बड़ों से सुनी हैं। उम्मीद को आशा, विश्वास का पर्याय भी कहा जाता है। उम्मीद एक सकारात्मक शब्द है या निष्क्रिय बना देने वाला एक विकल्प। एक कहानी के माध्यम से इस शब्द की सार्थकता को अच्छी तरह से ग्रहण कर पाएंगे। 

यहां हम एक मां का उदाहरण लेते हैं। अगर पाठक का प्रश्न यह है कि मां ही क्यों? तो जवाब यही है, मां की उम्मीद हमेशा आशावादी और निस्वार्थी होती है। आशावादी उम्मीद होना हमारे शीर्षक की भी मांग है।

   किसी गांव में एक विधवा मां के साथ उसका एक बेटा रहता था। विधवा मां अपने बच्चे को बड़ी कठिनाई से बड़ा करती है।  लेकिन बेटा उसकी तपस्या को अनदेखा कर आलसी बनकर बड़ा होता है। यौवनावस्था में एक मां की उम्मीद रहती है, कि उसके पुत्र में सुधार होगा। यह उम्मीद अपने पुत्र के सुधार के लिए है। अप्रत्यक्ष रूप से इसके लिए वह अपने इष्ट देव को भी मनाती है। क्या मां का उम्मीद रखना सही नहीं है ? उसका आशावादी होना उसके जीवन का सहारा होता है। यह सहारा ही उसे जीवन जीने का संबल देता है। उधर आलसी बेटा अपने कर्म को अनदेखा कर अपनी सफलता की उम्मीद ( ख्यालीपुलाव ) रखता है। यह झूठ पर टिकी उम्मीद उसे सिर्फ निष्क्रिय और कर्महीन बना रही है। इस बेवजह उम्मीद का दामन पकड़ने से उस मनुष्य का वर्तमान और भविष्य दोनों अंधकारमय है।
इसका अर्थ यह है कि उम्मीद हमारे कर्म में छिपी है। क्या उम्मीद का संबंध आयु पद या व्यक्ति विशेष से भी होता है ? उत्तर है – हां। मां की उम्र का पड़ाव आ गया है इसीलिए वह अपनी बेटे के लिए उम्मीद रख रही है। वह किसान, जो कड़ी मेहनत करता है और वर्षा के लिए भगवान पर उम्मीद रखता है। अच्छी बारिश हो, तो फसल अच्छी हो। क्या किसान कर्म प्रधान नहीं है ? फिर भी उम्मीद रख रहा है। यहां उसकी उम्मीद में आशा तत्व होते हुए भी वह आशंकित है, कि बुरा घटित ना हो जाए। यहां उम्मीद पर भी प्रश्नचिह्न है। मजदूर और हरिजन भी यही सोचते हैं कि उन्हें अच्छा मेहनताना मिले और उचित सम्मान मिले। अपेक्षित सम्मान की उम्मीद में अपने आपको हमेशा तोलते रहते हैं।  हम उसके काबिल है या नहीं । 
उम्मीद विश्वास नहीं है।  वह आशा की एक छोटी सी किरण है ,जो कर्म प्रधान मनुष्य को आशावादी व कर्म हीन को विकल्प और शुभचिंतकों के लिए दुआ या आशीर्वाद का एक भाग बन कर सामने आती है। 
अंत में यही कहना चाहूंगी कि उम्मीद मन का एक क्षणिक भाव होना चाहिए।  वह एक ही विषय पर स्थाई नहीं बनना चाहिए।  कर्म के अस्त्र को हाथ में रखकर मनुष्य को हमेशा कर्मवीर होना चाहिए।

  • प्रोफेसर सरला जांगिड़

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