योग की परिभाषा | योग क्या है
Definition of Yoga | Meaning of Sum | Yoga Ki Paribhasha
“” योग “”
परम्परागत विचारधारा के अंतर्गत –
“” शरीर, मन और आत्मा को एक साथ साधने की विधि का नाम योग है। “”
“” आत्मकल्याण के लिए आत्मचेतना व आत्मशक्ति को जागृत करने की विधि ही योग है। “”
पतंजलि के योगसूत्र में –
“” जीव को परमात्मा से एकाकार करने की प्रक्रिया में चित्त वृत्तियों का निरोध ही योग कहलाता है। “”
हालांकि गीता में –
कर्मयोग, ज्ञानयोग व भक्तियोग के संदर्भ में योग
“” कार्य की सर्वोच्च पराकाष्ठा पर उसकी अति सूक्ष्मता से विश्लेषण, अटूट विश्वास के साथ अनुसरण यानि ग्रहण करना ही योग कहलाता है। “”
“” योग को संकलन या जोड़ करना भी कहा जाता है। “”
वैसे “” य “” से यज्ञानुरूप
“‘ ग “” से गृह
“” यज्ञानुरूप गृह का शरीर रूपी आचरण ही योग है। “”
वैसे “” य “” से यशस्वी
“” ओ “” से ओजस्वी
“” ग “” से गन्तव्य
“” यशस्वी , ओजस्वी का गन्तव्य स्थल योग ही तो है। “‘
मानस की विचारधारा में –
“” हष्टपुष्ट रहने के वास्ते स्वाँस प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए किया गया शारीरिक श्रम ही योग है। “”
“” शरीर को स्वस्थ बनाते हुए संवेदनशील और तर्कशील विचारों को शून्य की ओर अग्रसर करने की कला ही योग है। “”
“” स्वाँस को केंद्रित करते हुए शांत चित्त रखने की प्रक्रिया भी योग कहलाती है। “”
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योग की परिभाषा | योग क्या है
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
सुन्दर अभिव्यक्ति 👌👌
योग एक कल्याण, यौवन,
शरीर, मन और आत्मा को
जोड़ने वाला विज्ञान है।।