उधार की रोशनी | चाँद का अर्थ
Meaning of Borrowed light | Definition of Borrowed | Udhar Ki Paribhasha
उधार की रोशनी “” चाँद “”
ऐ चाँद जो तुझमें जो दाग दिखता है ,
वो बस इंसानों के लिए गलती ढ़कने का एक खुशनुमा औटा है ;
वरना वो कलंक छुपाने के लिए कभी ना कहते,
चाँद भी कहाँ बेदाग़ है ;
ऐ चाँद तू जब अपने पूर्ण यौवन पर होता है,
कहते हैं ये पूर्णिमा का चाँद है ;
पर इंसानों की फ़ितरत महबूबा के सौंदर्य बखान के लिये भी तेरा सहारा लेते हैं,
मेरे महबूब के माथे की बिंदिया ही तो इस खुले आसमां का चाँद है ;
ऐ चाँद तू जब बादलों में थोड़ा छिप जाता है,
गुस्से की बिजलियाँ दौड़ती हैं पूरे बदन में जब तेरा दीदार ऐ इंतजार परवान होता है;
दोगलापन देख इंसानों का तो गिरगिट भी शर्मा जाये,
छलनी में अब तुम्हें छोड़ फ़िर माही को ही अपना चाँद बनाकर निहारा जाता है ;
कभी कभी ऐ चाँद तेरा मेरा दर्द कुछ सांझा ही हो जाता है,
उधार तो आख़िर उधार ही होता है;
उधार से किसका भला घर ऑंगन आबाद होता है,
तेरा सूरज की रोशनी पर मिलकियत नहीं और मेरा अपने विचारों पर बस नहीं।
तू तो रोशनी को शीतल के साथ प्रेम का आलिंगन करवाता है,
बचे हम तो संसार को आम जन मानस की विकृति, विशेषताओं व मतलबपरस्ती से अपने शब्दों से परिचय करवाते हैं ;
तभी तो कहने को तो मेरे जानकर हजारों हैं,
परन्तु किसी को अपना भी बता सकूँ इतना मेरे अपनत्व में सामर्थ्य नहीं;
ऐ चांद उधार तो उधार ही होता है,
वो मृगमरीचिका की तरह कहाँ अपना होता है;
हैसियत टिकी हो जब सिर्फ दूसरे के दया , अनुकम्पा या करुणा पर ,
तो हैसियत त्रासदी का नहीं सिर्फ उन अपनों के मूड 【 ख्याल 】 बदलने से ही निर्वस्त्र हो जाती है ;
“” स्वावलंबन ही स्वाभिमान व खुशहाली की पहली सीढ़ी है।
चाहे वह राष्ट्र हो समाज या फिर परिवारिक इकाई ।””
These valuable are views on Definition of Borrowed | Meaning of Borrowed light | Udhar Ki Paribhasha
उधार की रोशनी | चाँद का अर्थ
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
उधार की रोशनी जरूर है साहब,
पर
चांद का जब भी कहीं जिक्र आया,
एक खूबसूरत एहसास ही सामने पाया।
गजब जनाब ये शायराना अंदाज।
चांद और विचारक एक ही सिक्के के दो पहलू नजर आते हैं कभी कभी।
🙏 🙏 🙏
A very creative expression !
आभार
वैसे चांद का और आपका काम भी समान ही है । वो रोशनी को शीतल के साथ प्रेम का आलिंगन करवाता है आप जन मानस को उसकी विकृत सोच और मतलब परस्ती भरे शब्दों से परिचित करवाते हो । ईश्वर आपके विश्वास को कायम रखे ।
Thanks A lot Believe and trust on my ideology.
गजब
बहुत बढ़िया
Nice Ji
Nice