अहम् की परिभाषा | अहम् का अर्थ
Definition of Ego | Meaning of Ego | Aham Ki Paribhasha
| अहम् |
“” स्वयं को बतलाता अन्य सूचक शब्द अहम् भी है “”
वैसे अ + हम = अहम्
अ = अपृथक
ह = हमसफर
म = मंन्तव्य की एकरूपता
“” यानि जो अपृथक हो हमसफर व मंन्तव्य की एकरूपता से वह अहम है। “
वैसे अ + हम = अहम्
अ = अंतर्दृष्टि
ह = हमराह
म = मर्म
“” वैसे जिसकी अंतर्दृष्टि हमराह के मर्म से अलग सत्तासूचक शब्द की हो वह सदैव अहम से ही पुकारा जाता है। “”
“” अहम् एक दम्भ को परिलक्षित करते मनुष्यत्व के भाव की संज्ञा है। “”
सामान्य परिप्रेक्ष्य में –
वैसे “” अ “” से आदतन
“” ह “” से हठधर्मिता
“” म् “” से महत्वाकांक्षी
“” वैसे आदतन व हठधर्मिता के साथ महत्वाकांक्षी होना ही अहम् की सिद्धि करवाता है। “”
वैसे “” अ “” से अलगाव
“” ह “” से हकपरस्ती
“” म् “” से मौकापरस्त
“” वैसे अलगाव व हकपरस्ती के साथ मौकापरस्त होना ही अहम् की पुष्टि करना है। “”
मानस के अंदाज में –
“” अपने वजूद का सम्बोधन भी अहम् ही कहलाता है। “”
“” अस्तित्व की पहचान को परिचय देता पुख़्ता शब्द अहम् ही है। “”‘
“” अहम् सम्बोधन का कारक भी है और मानव के अहंकार को दर्शाता आवाह्न भी “”
These valuable views on Definition of Ego | Meaning of Ego | Aham Ki Paribhasha
अहम् की परिभाषा | अहम् का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
सुन्दर व्याख्या 🙏👌🙏
आजकल लोगों की सोच से बङा उनका अहम होता है,,
सबसे ज्यादा मै सही हूँ इस बात का वहम होता है।।।