मैं ही रहूँ सब जगह में, बस मैं | मैं का अर्थ
Meaning of I | Definition of I | I Ki Paribhasha
| I Believe only in Me |
| मैं ही रहूँ सब जगह में, बस मैं |
दुनिया सवाल पूछती तो है ,
चाहती है जवाब भी हो उसी की सोच का ;
बोले वो चाहे जो ,
मगर हर अल्फ़ाज़ हो उसी की तरन्नुम का ;
चल चले चाहे जैसे ही रास्ते पर ,
पर रास्ता वो जो दर्शन का ज्ञान करवाये बस उसी का ;
बहस जब भी जहां भी हो ,
विषय रखने का तरीका भी हो उसी का ;
साक्षात्कार में जवाब तलब कैसी भी हो ,
पर हों सब सवाल चाहे मुश्किल बस पसंदीदा विषय हो उसी का ;
बात करो कभी भी कहीं भी ,
बतियाने का अंदाज़ ऐ बयां हो उसी का ;
न्याय देने वाले का चाहे कोई भी निर्णय क्यों न हो ,
फैंसले की तहरीर और मुस्तकबिल का रास्ता सुझाया हो उसी का ;
प्रतियोगिता जब भी और जहाँ भी रख लो ,
खिलाड़ी चाहेगा मैदान हो उसी की सरजमीं का ;
These valuable are views on Meaning of I | Definition of I | I Ki Paribhasha
मैं ही रहूँ सब जगह में, बस मैं | मैं का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।
वाह जी
बहुत सुन्दर
अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढते क्यों हो,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम तो होने दो ।।
Really appreciable