Wednesday, November 20, 2024

Meaning of Imagination of Love | इश्क़ का ख़्याल

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इश्क़ का ख़्याल | इश्क़ के ख़्याल का अर्थ
Meaning of Imagination of Love | Imagination of Love | Love Ki Paribhasha

| Imagination of Love |
| इश्क़ का ख़्याल |

हवा जो छू के चली हमको, लगा इश्क़ ने हमको फिर सहलाया था ;
मुर्गे ने जो बांग दी, तो लगा मोहब्बत ने फिर मिलने का समय बतलाया था ;

आज फिर अल्हड़ जवानी को हमने जीना था, उनको प्यार का फिर इज़हार जो करना था ;
मेरी इस खुशी में कोयल गा व मोर नाच रहा था , चिड़िया फिर चं चं और गौरैया कान में शहद भी खोल रहा था ;

जनूँ के एक हाथ में दिल तो दूजे में गुलाब था , घुटनों के बल बैठना और नम आंखों से इजहार फिर उनको भी  अच्छा लगा था ;
आँखों ही आँखों हर बात कहने की कोशिश करने लगा था , होंठ सिले न थे फिर भी आवाज का दम निकलने लगा था ;

बस आगे बढ़ दिल को दिल ने और गुलाब हाथ में पकड़ लिया था , मानो बिना कहे उसने हाले दिल फिर से सुन लिया था ;
उनका जवाब हवाओं की सरसराहट ने बखूबी ही कह दिया था, फिर बाकी जो रहा उनकी मुस्कान ने ही कह दिया था ;

साक्षी बन मेरे प्यार का अब चाँद भी छुप जाने लगा था , फिर ऐसा लगा मेरे चाँद को देख चन्दा भी शर्माने लगा था ;
आज फिर मैं उनके ” इक़रार ऐ मोहब्बत ” से बहुत खुश था , फिर सकपका उठा जो मां ने बालों को सहलाकर कहा “” क्या मानस आज उठना नहीं था ? “”

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इश्क़ का ख़्याल | इश्क़ के ख़्याल का अर्थ

मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।

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Sanjay Nimiwal
Sanjay
2 years ago

इश्किया ख्याल, लाजवाब 👌👌

कोशिश तो की थी दिल को दायरे में रखने की…

मगर ये इश्क है जनाब हदें कहां मानता है ।।।।।

Mohan Lal
Mohan
2 years ago

आज कल बो बाते नही रही सर जो पहलेथी आज कल तो प्यार भी मतलबी हो गया है

Mohan Lal
Mohan
2 years ago

आज के टाइम जिस के पास पैसा है उसी के पास प्यार अच्छे दोस्त सब कुछ है जिस के पास कुछ नहीं उसके साथ तो लोग सीधे मुंह बात नही करते

Garima Singh
Garima Singh
2 years ago

इश्क़ का ख़्याल और मन में उमड़ता सिर्फ़ विचारों का बवाल,

कभी मुस्कुराता सा मन तो कभी इतराता सा दिल,

तो कभी बंद आखों में एक जीवित चलचित्र,

कभी नम आखें तो कभी टूट जाने का डर,

फिर एक जीवित प्रत्यक्ष विचार,

काश न पनप्ता ये इश्क़ का ख़्याल |

आपकी रचना ने मेरे अंदर के रचनाकार को फिर बाहर निकाला है |

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