रखैल तो कभी वैश्या | रखैल का अर्थ
Meaning of Mistress | Definition of Mistress | Mistress Ki Paribhasha
| Mistress sometimes Prostitute |
| रखैल तो कभी वैश्या |
हाथ आँसुओं को पोंछने से ज्यादा जब लिबास को छूने से जो रोकने में लगे ,
जमीर बचाने जब हैवान के पैरों में भी गिरने लगे ;
बेबसी भी खुले आसमां से दया की एक बूंद जब मांगने लगे ,
मसीहा का इंतजार करने में टकटकी भी जब आखिरी में जो पथराने लगे ;
तो आँसुओं का समंदर भरी बारिश में भी सूखने लगे ,
जिस्म से दरिंदगी की हद भी जब दो वक़्त की रोटी होने लगे ;
सूखे गले की प्यास ही जब हया ताक पर रखवाने लगे ,
रूह का तार तार होना भी जब जिंदा रहने की कीमत बताने लगे ;
तो रहबर से ज्यादा ज़ुल्मी पर ही रहम की आस अब करने लगे ,
दर्द की हर चीख पर बहरी दीवारें उसे विक्षिप्त जो बनाने में लगे ;
तो बदन भी ढ़कने के लिए एक चीर का सहारा लेने लगे ,
तो फिर खून भी जो टपकाने से कर्कश आँखें इंकार करने लगे ;
हवस की सनक भी झेल लबों पे मुस्कान का जो इक़रार करने लगे ,
शारीरिक उत्पीड़न भी हंसी में दिखा वहशी का ऐतबार जो जीतने लगे ;
हर दरिंदगी को जिस्म पर आज़माने का अख्तियार जब जो करने लगे ,
वो पल पल मर कर भी अपने जिंदा होने का वजूद दिखा दुनिया की नज़र में कभी “” रखैल “” तो कभी “” वैश्या ” जो अब कहलाने लगे ;
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रखैल तो कभी वैश्या | रखैल का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
शानदार लेख