पूजा – सर्वेश्वर के प्रति समर्पण भाव | समर्पण भाव
Meaning of Prayer | Definition of Prayer | Pooja Ki Paribhasha
“‘ पूजा – सर्वेश्वर के प्रति समर्पण भाव ”
httpss://youtu.be/l5PS3Lxm09A
“” पूजा “”
“” सर्वोपरि मानते हुए समर्पण के साथ अभिलाषित भाव ही पूजा है। “”
वैसे मानस के अंदाज में –
“” प “” से पूज्य से प्रेम
“” उ “” से ऊर्जा
“” ज “” से जिज्ञासा
“” पूज्य से प्रेम की जिज्ञासा में ऊर्जा का समर्पण ही पूजा है | “”
“” प “” से पूजनीय से प्रार्थना
“” उ “” से उम्मीद
“” ज “” से जुड़ाव
“” पूजनीय से प्रार्थना में उम्मीद हो जुड़ाव की तो वह, पूजा कहलाती है | “”
“” प “” से पालनहार से पवित्रता
“” उ “” से उपाय
“” ज “” से जमीनी चाहत
“” पालनहार से पवित्रता के उपाय की जमीनी चाहत ही पूजा कहलाती है। “”
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समर्पण भाव | पूजा – सर्वेश्वर के प्रति समर्पण भाव
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
Excellent 👌
Thanks a Lot
बहुत सुन्दर
Thanks A lot
पूजा – मन के भटकाव को स्थिर करने का तरीका
अति सुंदर विश्लेषण 🙏🙏
Thanks A lot
बहुत अच्छी
thanks
अपने इष्ट के प्रति समर्पण भाव ही सही मायने में पूजा है ।
thanks a lot
Nice Ji