आवाज़ की पहचान | पहचान का अर्थ
Meaning of Recognition | Definition of Recognition | Pahchan Ki Paribhasha
| Voice Recognition |
| आवाज़ की पहचान |
कोई कहता है हम हाले दिल बयां करते हैं ,
तो कोई हमें ज़ुल्मी समय की आवाज बताता है ;
तो फिर कोई रूबरू हुए दर्द का जीता जागता पुतला बताते हैं ,
फिर कोई हमें प्यार से आंखें चार करने का इश्किया अंदाज़ भी बताते हैं ;
मान रखा सबका तो कद्रदान कहलाते हैं ,
मिलाने का सिलसिला निभाया तो दिलों के तार भी कहलाते हैं ;
रोष जताने का रौद्र रूप भी हर कोई मुझे कहता है ,
तो कोई मुझे तुगलकी फरमानों के विरोध का आगाज भी मानते हैं ;
मजलूम के हक़ की हुंकार भी हम सदैव बनते रहे हैं ,
आँख से टपकते लहू में मुख्लिस की पीड़ा की पुकार भी मानते हैं ;
कभी व्यथित गूँगे के अनकहे बोल को मुझे मर्यादित बनाने वाला अमूल्य योगदान भी कहते हैं ,
तो कभी अल्फाज के मान को जताने वाली हमको फिर “” हथेली पर रखी जान ” भी कहते हैं ;
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आवाज़ की पहचान | पहचान का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।