अनकही प्यास की परिभाषा | अनकही प्यास का अर्थ
Meaning of Untold Thirst | Definition of Untold thirst | Unkahi Pyas Ki Paribhasha
Untold thirst
“” अनकही प्यास “”
इक दिल में हूक उठी,
लगा मुझे भी कुछ कहना है ;
ऐसी बात न थी जो रही अनकही अब तक,
फिर लगा कि बस दर्द ऐ दिल को तो यूँ ही बहते रहना है ;
इक हुक उठी फिर से जागा मैं,
लगा मुझे अब जी भर कर रोना है ;
बहा दिये आँसू कुछ पलों में,
बह न जाये वो आँसुओं में फिर लगा अभी तो सिर्फ काजल को ही पोंछ लेना है ;
एक कसक मन में रह गयी,
लगा इश्क़ जताने के दस्तूर अब मुझे नहीं आना है ;
जगा लिये थे हमने अरमानों के पल उनके जो उनके साथ के,
फिर लगा बहुत देर कर दी हमने बस जाये नजर में प्यार हमारा अब उनकी मूर्त को ही दिल के मंदिर में बसाना है।
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अनकही प्यास की परिभाषा | अनकही प्यास का अर्थ
Manas Jilay Singh 【 Realistic Thinker 】
Follower – Manas Panth
Purpose – To discharge its role in the promotion of education, equality and self-reliance in social.
बहुतसुन्दर
Untold Thirst…..
एकतरफ़ा अरमान जगा लिये थे उनके साथ,
पर ऐसा किसी के साथ ना हो ।।।।
so nice line
Nice 🥰
Ok
nice 👍
अनबुझी आग और अनकही प्यास,
बस दिल के कोने में सिमट कर रह गई उनके मिल जाने की आस |
so wonderful