Monday, December 4, 2023

Meaning of Worship of God | जनून या फिर ईश्वर की इबादत

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ईश्वर की इबादत | जनून का अर्थ
Meaning of Worship of God | Definition of Passion | Janoon Ki Paribhasha

“” जनून “” या फिर “” ईश्वर की इबादत “”

हसरत मान जिसे,
अपनी मंजिल बनाया ;

पहली सीढ़ी पर जो,
इस क़दर लड़खड़ाया ;

फिर सामने रास्ता,
मुश्किलों भरा पाया ;

मंजिल भी कोसों दूर,
अब नजर आयी ;

हौसलों भरी आवाज़,
फिर अंदर से पायी ;

मंजिल के पाने का तरीका,
आखिर अंतर्मन ने ही सुझाया ;

फिर टुकड़ों में बाँट,
मंजिल को पाना सिखलाया ;

विश्वास ने बार बार मुझसे,
युक्तिबद्ध अभ्यास करवाया ;

अब आखिर लक्ष्य मुझे,
बहुत आसान नजर आया ;

पा लूँगा मंजिल कह हमने,
जो हसरत को जनून बनाया ;

जो पायी हमने मंजिल तो,
जनून में ही भगवान नज़र आया ;

जनून होता है “” ईश्वर की इबादत “” ,
इस कसरत से मानस मैं ये ही अब समझ पाया ।

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 ईश्वर की इबादत | जनून का अर्थ

मानस जिले सिंह [ Realistic Thinker ]
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – धार्मिक आडम्बर व पाखण्ड को मानवीय जीवन शैली से बाहर निकलवाने के लिए प्रयत्नशील रहना।

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Garima Singh
Garima Singh
1 year ago

Nice

Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
1 year ago

बहुत सुन्दर

Mahesh Soni
Mahesh Soni
1 year ago

बोलकर तो सब समझाते है।

कभी अपनी खामोशी से भी समझाकर देखो।

क्या पता, जिन्ही शोर की आवाज सुनाई नही देती, शायद उन्हें मौन की आवाज सुनाई दे। 

~ महेश सोनी

Jitu Nayak
Member
1 year ago

Nice 🙂

Mahesh Soni
Member
1 year ago

हार तू चाहे जितना हरा दे मुझे!

मैं तब तक हारना पसंद करूँगा,

जब तक कि मैं जीत ना जाऊ।

Shashi singh
Shashi singh
1 year ago

बहुत खूब 👌🏻👌🏻

Sarla Jangir
सरला जांगिड़
2 months ago

मैं आनंद का संचार हूं ,
मैं आनंद में शुमार हूं ।
ना मैं किसी बंद में ,
ना किसी अनुबंध में,
 हर पल में मैं खुमार हूं ।
मैं आनंद का संचार हूं ।।
है सूर्य मेरे साथ में ,
जीवन है मेरे हाथ में,
 मैं खुशियों की भरमार हूं ,
मैं आनंद का संचार  हूं ।।
मित्र की भाषा नहीं,
 शत्रु की परिभाषा नहीं ,
मैं प्राणियों में प्यार हूं ,
मैं आनंद का संचार हूं ।।
 प्रकृति में मैं जी रहा हूँ,
अगणित क्षणों को सी रहा हूँ,
जीवन का मैं प्रकाश हूं,
अन्याय में अंतर्मन की पुकार हूँ, 
मैं आनंद का संचार हूं ।।
 माया का तो मोह नहीं,
 भावों का मुझमें टोह नहीं,
 मैं संस्कारों का जाल हूं,
 मैं आनंद का संचार हूं।।
न पाने की मुझ में चाह रही,
 ना खोने का भय रहा ,
मैं आशाओं का अंबार हूं ,
मैं आनंद का संचार हूं ।।
पांच तत्वों का योग हूं ,
संसार का तो भोग हूं ,
मैं भावों की मनुहार हूं,
मैं आनंद का संचार हूं।।
मानवता की लय में हूं ,
कर्मठता का मैं राग हूं ,
 मै सुरों में झंकार हूं,
 मैं आनंद का संचार हूं।।
मैं जीवन यूं ही जी रहा,
 न मृत्यु का मुझ में शय रहा ,
मैं प्राण तत्व का सार हूं ,
मैं आनंद का संचार हूं।।- प्रोफेसर सरला जांगिड़

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