भ्रम की परिभाषा | भ्रम का अर्थ
Definition of Delusion | Meaning of Error | Bharm Ki Paribhasha
हम भी क्या गजब ही करने लगे ,
कतरे की प्यास थी पर दरिया को ही ओक भरने में लगे ;
कंकर जो ठहर गये थे कभी वजूद पर कहीं ,
वो भी अब चट्टानों की तर्ज पर बात करने लगे ;
कुछ यूँ ही नहीं सजदे में सर झुकाता यहां ,
कोई वैभव और कुछ समृद्ध होने चाह जो रखने लगे ;
पूरी होने की आस में जनूँ हमसे कुछ अजीब ही करवाता चला गया ,
कुछ और नहीं कर सके तो वहम ही पालने में हम लगे ;
वैसे “”भ”” से भटकाव को अब जिंदगी में भरोसे से जो बदलने लगे ,
भयानक परिस्थितियों को निमंत्रण भी अब देने लगे ;
“”र”” से रहस्य को रजामंदी से अपनाने जो लगे ,
राहत की उम्मीदों को दरवाजा से ही लौटने लगे ;
“”म”” से मौजूदगी में मलाल को ताक पर रख मौन व्रत जो रखने लगे ,
माहौल भी मार्मिक हो सत्य से महरूम अब रहने लगे ;
वैसे “” भटकाव व रहस्य की मौजूदगी “” में सिर्फ वहम ही पैदा हुआ ,
जाने अनजाने में ही सही अब “” भ्रम “” में खुशी खुशी जीवन को जीने लगे |
“” वास्तविक से दूर असमंजस की स्थिति का शिकार होना ही भ्रम कहलाता है।””
“” दलदली जमीन से छलांग नहीं लगती इसलिए वास्तविक के धरातल को होना मानवीय जीवन के लिए जरूरी ही नहीं अत्यंत आवश्यक है। “”
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भ्रम की परिभाषा | भ्रम का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना हेतु प्रकृति के नियमों का यथार्थ प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध योगदान देना।
बहुत खूब